भारत ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर टिप्पणी को लेकर अमेरिकी राजनयिक को तलब किया

नयी दिल्ली,  भारत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी की टिप्पणी को लेकर बुधवार को अमेरिका की एक वरिष्ठ राजनयिक को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया।

भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने अमेरिकी मिशन की कार्यवाहक उप प्रमुख ग्लोरिया बर्बेना को साउथ ब्लॉक स्थित कार्यालय में तलब किया था। बैठक 30 मिनट से ज्यादा चली।

अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा था कि वाशिंगटन “मुख्यमंत्री केजरीवाल के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध कानूनी प्रक्रिया के लिए प्रोत्साहित करता है।”

भारतीय विदेश मंत्रालय ने बाद में एक बायन में कहा, “ हम भारत में कुछ कानूनी कार्यवाही के बारे में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताते हैं।”

बयान में कहा गया है, “ कूटनीति में, राष्ट्रों से दूसरों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करने की अपेक्षा की जाती है। मित्र लोकतंत्रों के मामले में यह जिम्मेदारी और भी अधिक है। अन्यथा यह हानिकारक मिसाल कायम कर सकता है।”

बयान के मुताबिक, भारत की कानूनी प्रक्रियाएं “स्वतंत्र न्यायपालिका पर आधारित हैं जो उद्देश्यपूर्ण और समयबद्ध परिणामों के लिए प्रतिबद्ध है।” बयान में यह भी रेखांकित किया गया कि “उस पर आक्षेप लगाना अनुचित है।”

इससे पहले 23 मार्च को भारत ने जर्मनी के मिशन के उप प्रमुख को तलब किया था और केजरीवाल की गिरफ्तारी पर उसके विदेश मंत्रालय की टिप्पणी पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था।

जर्मनी के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा था कि केजरीवाल की गिरफ्तारी का संज्ञान लिया गया है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने तब कहा था, “ हम ऐसी टिप्पणियों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और हमारी न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करने के तौर पर देखते हैं।”

केजरीवाल को धन शोधन मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। वह 28 मार्च तक एजेंसी की हिरासत में हैं।

यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति बनाने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार और धनशोधन से संबंधित है। इस नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था।