जब किसी के ड्राइंग रूम में बैठना पड़े

शीर्षक देखकर चौंकें नहीं। अगर आप मिलनसार हैं तो आपका ड्राइंग रूम से अवश्य वास्ता पड़ता ही है। अब तक आप ड्राइंग रूम में कैसे भी बैठते रहे हों पर अब से निम्नलिखित बातों का ध्यान रखेंगे तो लोग अवश्य आपका ड्राइंग रूम में स्वागत करेंगे।


आप गृहस्वामी द्वारा बताये स्थान पर ही बैठें। ड्राइंग रूम में प्रवेश से पहले देख लें कि गृहस्वामी ने जूते एक ओर रखने की व्यवस्था की है तो आप भी सहर्ष जूते खोलकर ही प्रवेश करें। कभी-कभी गृहस्वामी अनचाहे मन से कहता है कि कोई बात नहीं, जूते ले आइये‘ और आप भी मिट्टी कीचड़ से सने जूते लेकर अंदर चले आते हैं तो अच्छा नहीं लगेगा।
ड्राइंग रूम में पड़े अखबार पत्रिका आदि पढ़ सकते हैं पर उनकी वर्ग पहेली या चित्रों से न खेलें।


अगर गृहस्वामी अंदर किसी कार्य से जायें और आप अकेले ड्राइंग रूम में बैठे हैं तो उनकी निजी डायरी, एलबम व चिट्ठियों आदि को कतई स्पर्श न करें भले ही आपका मन कितना ही चलायमान क्यों न हो उठे।


ड्राइंग रूम में बैठे अन्दरूनी कक्षों अथवा रसोई में न झांकेंं, न वहां जायें। ड्राइंग रूम में बैठकर गृहस्वामी की पत्नी में अधिक रूचि न लें। ड्राइंग रूम की सजावट कैसी भी हो, उसे सदैव सहज भाव से स्वीकार करें। उसमें नुक्ताचीनी न करें।


ड्राइंग रूम में बाहर से किसी अन्य व्यक्ति के मिलने आते ही वहां से जाने की आतुरता अवश्य दिखायें। ड्राइंग रूम में इस तरह मुंह लटका कर न बैठें कि गृहस्वामी को लगे कि यह उदासी केवल चाय नाश्ता लाने पर ही दूर हो सकेगी।


गृहस्वामी द्वारा पानी का गिलास लाने पर प्यास न होने पर भी एक घूंट पानी अवश्य पी लें। इससे सब का सम्मान बना रहेगा। अगर आप रचनाधर्मी हैं तो किसी के भी ड्राइंग रूम में जाकर गृहस्वामी से यह आग्रह न करें कि वे आपकी कविता, कहानी, उपन्यास आदि सुन ही लें।


ड्राइंग रूम में गृहस्वामी की पुस्तकों की अलमारी को बिना पूछे हाथ न लगायें। प्रायः देखने में आता  है पुस्तक निकाली, उलट पलट कर देखी, साथ ले जाने की इच्छा जोरदार शब्दों में प्रकट की और फिर आ कर कह दिया, पुस्तक तो खो गई, चाहें तो पैसे दूं। ऐसा
करके गृहस्वामी को धर्म संकट में न डालें।


ड्राइंग रूम में टी टेबल पर पैर फैला कर न बैठें। बिजली, पंखे व कूलर की जितनी आवश्यकता हो, उतनी सीमा तक ही काम में लें।


निष्कर्ष यह है कि ऐसी शिष्टता युक्त संहिता का पालन करें कि गृहस्वामी आपको दुबारा आने के लिए भी कहे अन्यथा कहे चाहे न कहे, उसकी आत्मा अवश्य कहेगी-
‘ऐसे मेहमान से भगवान बचाये‘। अच्छा हो कल कहीं और जाये।