ममता ने मोदी सरकार पर एससी, एसटी, ओबीसी को हाशिये पर धकेलने की कोशिश करने का आरोप लगाया

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तेहट्टा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने केंद्र की मोदी सरकार पर अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को हाशिये पर धकेलने का प्रयास करने का बृहस्पतिवार को आरोप लगाया।

बनर्जी ने हाशिये पर पड़े समुदायों के लिए नागरिकता संबंधी फायदों के बारे में भाजपा सरकार के ‘झूठ’ को लेकर उस पर निशाना साधा। उन्होंने चेतावनी दी कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) से एससी, एसटी और ओबीसी के अधिकार खतरे में पड़ सकते है।

बनर्जी नादिया जिले के तेहट्टा में तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार महुआ मोइत्रा के समर्थन में आयोजित एक रैली को संबोधित कर रही थीं।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यूसीसी के फायदों के बारे में झूठ बोल रहे हैं कि इससे सभी को फायदा मिलेगा। यदि यूसीसी को लागू किया जाता है, तो इससे एससी, एसटी और ओबीसी का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा। भाजपा संविधान को नष्ट कर देगी। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।’’

बनर्जी ने कहा कि पिछले 10 वर्ष से भाजपा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के माध्यम से मतुआ और अन्य पिछड़ी जातियों को नागरिकता मिलने के बारे में झूठ फैला रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि यूसीसी विभिन्न समुदायों, जनजातियों और संप्रदायों को अपने स्वयं के रीति-रिवाजों का पालन करने से रोकेगा।

उन्होंने वास्तविक मतदान के चार दिन बाद बढ़े हुए मतदान प्रतिशत की निर्वाचन आयोग की घोषणा पर हैरानी जताई और कहा कि हालांकि वह निर्वाचन आयोग पर कोई आरोप नहीं लगा रही हैं, लेकिन उन्हें यह समझ से परे लगा।

बनर्जी ने मतदान के आंकड़ों में हेरफेर करने की भाजपा की रणनीति और पश्चिम बंगाल में आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को भाजपा नेताओं की कथित धमकियों के प्रति आगाह किया। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के मंत्रियों, अधिकारियों या लोगों पर नरेन्द्र मोदी सरकार का डर, धमकी और दबाव पश्चिम बंगाल में नहीं चलेगा।’’

 

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