खाने-पीने की सामग्री का रखरखाव

खाने पीने की चीजों का संरक्षण भी अपने आप में एक तकनीक है। कुछ तरीके तो ऐसे हैं कि बरतने पर लगेगा कि यह हमने पहले क्यों नहीं सोचा। ऐसी ही कुछ खाद्य संरक्षण की तकनीक हम यहां दे रहे हैं।

गेहूं

एक टीन का कनस्तर लें जिसकी तह में नीम के पत्ते बिछा दें। इस नीम की परत को किसी अखबार में ढंक लें और कनस्तर में गेहूं भरना शुरू कर दें। साथ में मिलाते जाएं थोड़ा-थोड़ा नमक। ध्यान रहे कि हर एक क्विंटल गेहूं में एक किलो नमक मिलाना है।

 

घी

कुछ पान के पत्ते डालकर घी गर्म कर लें। इससे घी की सुगंध लंबी अवधि तक कायम रहती है। घी में थोड़ा सा नमक डालकर गर्म करने से भी यही होता है।

 

सब्जी

हवा में पानी की कमी से गर्मियों में सब्जियां जल्दी सड़ जाती हैं। इसे निर्जलन से बचाने के लिए आसान विधि अपनाईए। सब्जियों को एक मिट्टी के खाली मटके में रखकर इस मटके को पानी भरी परात में रख दें। मटको को ढंक दें। सब्जियों को तरो-ताजा रखने का दूसरा तरीका यह है कि इसे बांस की खुली टोकरी में रखा जाए, जिसके अंदर एक गीला बोरा बिछा हो। इस गीले बोरे के ऊपर सब्जियां रखकर उसके ऊपर एक और गीला बोरा ढंक दें। इस टोकरी को किसी अंधेरे स्थान पर रखें।

 

लहसुन

जब लहसुन सस्ती हो तो खरीदकर रखने में क्या बुराई है? इसे संरक्षित रखने के लिए एक मिट्टी के मटके में डाल दें। ऊपर से ढक्कन लगा दें। इस विधि से लहसुन वर्ष भर तरोताजा रहेगा।

 

पनीर

सिरके में एक कपड़ा भिगोइये और पनीर के चारों ओर लपेट दीजिए। अब एक पॉलीथीन या प्लास्टिक की चादर को सिरके वाले कपड़े पर लपेटिये और एक बांस की टोकरी में रखिए। इस टोकरी को किसी ठंडी सूखी जगह पर टांग कर रखिए

 

हरी धनिया

हरे धनिया को कांच के गिलास में रखकर ऊपर से ढंक दें तो यह दो दिन तक ताजा रह सकता है।

 

हरी पत्तियां

हरी पत्तियां जैसे पोदीना, मेथी तथा हरा धनिया अधिक अवधि तक टिक सकता है। यदि इनको पानी में धोकर,सुखाकर और उसके बाद टीन के डिब्बे में भर दिया जाए। जब बनानी हो थोड़ी देर पानी में पड़ा रहने दीजिए। गर्मियों तथा मानसून के महीनों में सूखी पत्तियों की सलाद बनाया जा सकता है।

 

ब्रेड तथा मक्खन

पॉलीथीन या प्लास्टिक के कागज मेें मक्खन लपेटकर पानी में रखें। प्लास्टिक डिब्बे अथवा पॉलीथीन के थैले के अंदर रखने से ब्रेड मुलायम रहती है।

 

दुग्ध संरक्षण

दूध को तीन या चार बार उबालकर दूध भरा बर्तन ठंडे पानी में रख दें। दूध फटने की आशंका कम हो जाएगी।

 

मिर्च

मिर्च साफ करके बारीक पीस लें। एक किलो पिसी मिर्ची में 100 ग्राम नमक मिलाएं इससे मिर्ची में फफूंदी नहीं लगती।