सुरक्षा परिषद के पुनर्गठन की आवश्यकता, जो विविधता को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करे : भारत

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संयुक्त राष्ट्र,  भारत ने एक पुनर्गठित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आवश्यकता को रेखांकित किया है, जो आज के संयुक्त राष्ट्र की भौगोलिक और विकासात्मक विविधता को बेहतर ढंग से दर्शाए।

साथ ही भारत ने इस बात पर जोर दिया कि संयुक्त राष्ट्र के अधिकतर सदस्य शक्तिशाली यूएनएससी में स्थायी सीटों की संख्या बढ़ाए जाने के आह्वान का समर्थन करते हैं।

भारत विशेष रूप से ‘ग्लोबल साउथ’ का नेतृत्व करते हुए संयुक्त राष्ट्र में सुधारों की मांग करता रहा है। साथ ही यह 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य के रूप में जगह पाने की मांग करने में सबसे आगे रहा है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी दूत रुचिरा कंबोज ने सोमवार को कहा, ‘‘भारत स्थायी और गैर-स्थायी दोनों श्रेणियों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता के विस्तार के पक्ष में है क्योंकि सुरक्षा परिषद में वास्तविक सुधार हासिल करने का यही एकमात्र तरीका है।’’

सुरक्षा परिषद सुधार पर अंतर-सरकारी वार्ता (आईजीएन) की एक बैठक को संबोधित करते हुए कंबोज ने ‘‘एक पुनर्गठित सुरक्षा परिषद’’ की आवश्यकता को रेखांकित किया, जो आज के संयुक्त राष्ट्र की भौगोलिक और विकासात्मक विविधता को बेहतर ढंग से दर्शाए।

उन्होंने कहा, ‘‘एक ऐसी सुरक्षा परिषद, जहां अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और एशिया सहित विकासशील देशों और गैर-प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों की आवाजों को भी उचित मंच मिल सके, और इसके लिए सदस्यता की दोनों श्रेणियों में परिषद का विस्तार बेहद आवश्यक है।’’

वर्तमान यूएनएससी में पांच स्थायी सदस्य – अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और रूस – और 10 गैर-स्थायी सदस्य शामिल हैं।

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