उत्तर मुंबई से चुनावी मैदान में उतरे पीयूष गोयल रहे हैं हमेशा से भाजपा के संकट मोचक

देश में लोकसभा के चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं वैसे – वैसे  राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज होती जा रही  हैं  । चुनाव घोषणा के पहले ही भाजपा अपने दिग्गजों को मैदान में उतार रही है। भारतीय जनता पार्टी ने कई राज्यसभा सदस्यों को भी लोकसभा का टिकट देने का क्रम शुरू कर दिया है। भाजपा की पहली लिस्ट में केरल से राजीव चंद्रशेखर को टिकट दिया गया है तो वहीं राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल को उत्तर मुंबई संसदीय क्षेत्र से टिकट दिया गया है ।  पीयूष गोयल अपनी 35 साल की राजनीति में पहली बार चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने मुंबई नॉर्थ के मौजूदा सांसद गोपाल शेट्टी का टिकट काट कर उन्हें टिकट दिया  है।

दरअसल 1989 से 2003 तक इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है।  राम नाईक लगातार मुंबई उत्तर सीट से सांसद रह चुके हैं। 2004 में फिल्म स्टार गोविंदा ने राम नाईक को हराकर कांग्रेस के लिए सीट जीती थी। 2009 में संजय निरुपम ने दूसरी बार राम नाईक को हराया था। 2014 में भाजपा ने दोबारा इस सीट पर कब्जा किया। गोपाल शेट्टी लगातार दो बार मुंबई नॉर्थ से सांसद चुने गए। अब इस सीट के 17 लाख वोटर पीयूष गोयल के भाग्य का फैसला करेंगे। पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट और इन्वेस्टमेंट बैंकर रहे पीयूष गोयल को राजनीति विरासत में मिली। पीयूष गोयल के पिता वेद प्रकाश गोयल लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता रहे और उन्होंने संघ के दिग्गज बालासाहेब देवरस, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर काम किया था। उनके पिता वेद प्रकाश गोयल दो दशक तक भाजपा के कोषाध्यक्ष रहे। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वी पी गोयल जहाजरानी मंत्री भी रहे। मध्य मुंबई के सायन में स्थित गोयल का घर उन दिनों राजनीतिक गतिविधियों का एक बड़ा केंद्र था। पार्टी के दिग्गज नेता वहां अक्सर आते-जाते थे और ठहरते थे। पीयूष गोयल को उनके करीबी ‘हैप्पी’ के नाम से पुकारते हैं। उस दौर में वह मुंबई आने वाले नेताओं के साथ समय बिताया करते थे और उनकी आवभगत की जिम्मेदारी संभालते थे।

बताया जाता है कि साल 1984 में शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे और वाजपेयी के बीच बैठक के बाद गोयल आवास पर ही भाजपा और शिवसेना के बीच औपचारिक गठबंधन को स्वरूप दिया गया था।

पीयूष की मां चंद्रकांता गोयल एक बार नगर सेवक व तीन बार महाराष्ट्र विधानसभा की सदस्य चुनी गईं थी । दरअसल पीयूष गोयल 90 के दशक में ही भाजपा संगठन से जुड़े व  साल 2010 में पहली बार महाराष्ट्र से राज्यसभा जाने का उन्हें मौका मिला। भाजपा ने उन्हें तीन बार लगातार राज्यसभा भेजा। पीयूष गोयल प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के करीबी भी रहे। साल 2014 में जब मोदी 1.0 की सरकार बनी तो पीयूष गोयल कोयला मंत्री बनाए गए। साल 2017 में सुरेश प्रभु के इस्तीफे के बाद रेल मंत्रालय का भी उन्होंने पदभार संभाला। साल 2019 में नरेंद्र मोदी की दूसरी सरकार में पीयूष गोयल वाणिज्य और उद्योग मंत्री बने। पार्टी ने उन्हें राज्यसभा में पार्टी का नेता नियुक्त किया।अब वह पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं।

पीयूष गोयल ने आडवाणी के चुनाव अभियान में भी उस वक्त महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जब वह पहली बार 1989 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे। केंद्र सरकार में भी उनकी पहचान एक ऐसे नेता की है जिसने अंतरराष्ट्रीय व्यापार से लेकर घरेलू और चुनौतीपूर्ण मु्द्दों तक के समाधान में भूमिका निभाई।

मुंबई में जन्मे गोयल के लिए चुनाव प्रचार नया नहीं है। उन्होंने किशोरावस्था में नगर निगम चुनाव और बाद में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में अपनी मां के लिए वोट मांगा था। उनकी मां चंद्रकांता गोयल ने आपातकाल के बाद एक पार्षद के रूप में कार्य किया और बाद में तीन कार्यकालों के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में माटुंगा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। स्वर्गीय वेद प्रकाश गोयल ने वाजपेयी मंत्रिमंडल में जहाजरानी मंत्री के रूप में कार्य किया। गोयल भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष भी रहे और उन्होंने अपने संपर्कों के नेटवर्क के जरिये पार्टी का खजाना भरने में अहम भूमिका निभाई। पीयूष गोयल को 2010 में भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया और अपने पिता की विरासत को जारी रखा।

गोयल का अकादमिक रिकॉर्ड शानदार रहा है। उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंसी परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर दूसरी रैंक हासिल की। उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के बोर्ड में सरकार द्वारा नामित निदेशक के रूप में भी काम किया है।

गोयल को मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का विश्वास हासिल है। पहली मोदी सरकार में उन्हे बिजली, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा जैसे विभाग सौंपे गए। उन्हें रेल मंत्रालय का प्रभार दिया गया और बाद में, अरुण जेटली के अस्वस्थ होने पर उन्हें वित्त मंत्री भी बनाया गया। गोयल ने बिजली वितरण कंपनियों की वित्तीय समस्याओं के समाधान और उनकी परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए बिजली क्षेत्र में सुधारों पर जोर दिया और दुनिया के सबसे बड़े एलईडी बल्ब वितरण कार्यक्रम को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भाजपा के वरिष्ठ नेता थावरचंद गहलोत के कर्नाटक के राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालने के बाद उन्हें राज्यसभा के नेता के रूप में नियुक्त किया गया था।

मोदी के दूसरे कार्यकाल में गोयल को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय दिया गया था तथा वह पिछले पांच वर्षों से भारत की अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीतियों का संचालन कर रहे हैं। रामविलास पासवान के निधन के बाद उन्हें उपभोक्ता मामलों और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। कोविड-19 महामारी के बीच महत्वपूर्ण मंत्रालयों का प्रभार संभालते हुए गोयल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग 80 करोड़ गरीब और कमजोर लोगों को मुफ्त खाद्यान्न के वितरण का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित किया।

  अभी तक लोकसभा में अमित शाह, राजनाथ सिंह और निशिकांत दुबे मोर्चा संभाल रहे थे। अब पीयूष गोयल की मौजूदगी से सदन में भाजपा की ताकत बढ़ जाएगी। पीयूष गोयल भाजपा के ऐसे नेताओं में शुमार हैं जिनके दोस्त सभी पार्टियों में है। राज्यसभा में कई महत्वपूर्ण बिल को पास कराने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई। इसके अलावा पीयूष गोयल खुद प्रधानमंत्री  मोदी के प्रचार तंत्र को संभालते रहे हैं। साल 2014 के चुनाव के दौरान पीयूष गोयल ने नमो टी कैंपेन के जरिये प्रधानमंत्री  मोदी को जन-जन तक पहुंचा दिया। राम विलास पासवान के निधन के बाद उन्हें खाद्य आपूर्ति और नागरिक उपभोक्ता मामले का जिम्मा भी दिया गया। कोरोना के दौर में उन्होंने 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त खाद्यान्न देने की योजना शुरू की। इस स्कीम के कारण मोदी सरकार काफी लोकप्रिय हुई और कई राज्यों में भाजपा की वापसी हुई। भारत में एलईडी बल्ब वितरण वाला आइडिया पीयूष गोयल का ही था जिसकी सफलता की चर्चा पूरी दुनिया में हुई।

वर्षों तक चुनावी रणनीति बनाने के बाद गोयल ने अब मुंबई उत्तर से चुनावी मैदान में कदम रखा है जो वर्तमान में भाजपा के गोपाल शेट्टी के पास है।

उम्मीदवार बनाए जाने के बाद गोयल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘समाज उत्थान के लिए समर्पित रहने वाले मेरे मित्र एवं सहयोगी गोपाल शेट्टी जी से फोन पर बात कर उनका आशीर्वाद लिया। उन्होंने मुझे आश्वस्त किया कि इस क्षेत्र के उत्थान और निरंतर प्रगति के लिए उनका स्नेह और सहयोग हमेशा मिलता रहेगा।’ लोकसभा चुनाव लड़ने की योजना के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा था, ‘बेशक, मैं बहुत उत्साहित हूं। मैं पार्टी नेताओं के निर्णय का इंतजार कर रहा हूं और मुझे उम्मीद है कि मुझे चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। यह मेरा सौभाग्य होगा।’सूची प्रकाशित होने के बाद, पीयूष गोयल ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर जाकर नामांकन के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को धन्यवाद दिया।

“प्रभु श्री राम के आदर्शों और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत से प्रेरणा लेते हुए, मैं महाराष्ट्र के सम्मान और विकास के लिए खुद को समर्पित करने का संकल्प लेता हूं। प्रधानमंत्री मोदी जी ने हमेशा ‘जन सेवा’ से प्रेरित राष्ट्रीय कल्याण को प्राथमिकता दी है। पिछले दशक में देश ने अभूतपूर्व विकास देखा है, और अब हम अमृत काल में एक विकसित भारत के निर्माण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।”, पीयूष गोयल ने एक्स पर लिखा। गोयल ने आगे कहा, “मुंबई के लोगों के विश्वास और आशीर्वाद और पार्टी कार्यकर्ताओं के अटूट समर्थन से, मुझे विश्वास है कि हम प्रधानमंत्री मोदी जी के ‘अबकी बार 400 पार’ के लक्ष्य को हासिल करेंगे और एक ऐतिहासिक जीत दर्ज करेंगे।”

अशोक भाटिया