भारत, चीनी ताइपे ने डब्ल्यूटीओ इकाई से आईसीटी आयात शुल्क विवाद पर फैसला 26 जुलाई तक टालने को कहा

0

नयी दिल्ली,  भारत और चीनी ताइपे ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के विवाद निपटान निकाय से 26 जुलाई तक कुछ सूचना और प्रौद्योगिकी उत्पादों पर नयी दिल्ली के आयात शुल्क के खिलाफ कोई फैसला नहीं लेने को कहा है क्योंकि ‘दोनों पक्ष मामले को सुलझाने में लगे हुए हैं।’ एक अधिकारी ने यह बात कही।

यह मुद्दा 26 अप्रैल को जिनेवा में विवाद निपटान निकाय (डीएसबी) की बैठक के दौरान उठा।

जिनेवा स्थित अधिकारी ने कहा कि बैठक में दोनों देशों ने विवादों के समाधान को सुविधाजनक बनाने में मदद के लिए डीएसबी को 26 जुलाई, 2024 तक विवाद पैनल की रिपोर्टों पर विचार नहीं करने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि निकाय इस पर सहमत हो गया है।

इससे पहले भी डीएसबी ने रिपोर्टों पर विचार करने में देरी के लिए भारत और चीनी ताइपे के तीन पिछले अनुरोधों पर सहमति व्यक्त की थी।

डब्ल्यूटीओ के नियमों के अनुसार, आदेश जारी होने के 60 दिनों के भीतर पैनल के फैसले को डीएसबी द्वारा कार्यान्वयन के लिए अपनाना होगा। हालांकि, दोनों देश परस्पर निर्णय को अपनाने में देरी के लिए डीएसबी से अनुरोध कर सकते हैं।

डब्ल्यूटीओ के एक विवाद पैनल ने 17 अप्रैल, 2023 को अपनी रिपोर्ट में कहा कि कुछ सूचना और प्रौद्योगिकी उत्पादों पर भारत द्वारा लगाया गया आयात शुल्क वैश्विक व्यापार मानदंडों का उल्लंघन है।

डब्ल्यूटीओ में इन शुल्कों के खिलाफ यूरोपीय संघ, जापान और ताइवान द्वारा दायर एक मामले के बाद यह फैसला आया।

चीनी ताइपे ने मई, 2019 में सेलुलर नेटवर्क के लिए टेलीफोन सहित कुछ इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर लगाए गए आयात शुल्क को लेकर डब्ल्यूटीओ में भारत के खिलाफ मामला दायर किया था। इन वस्तुओं में आवाज, छवियों या अन्य डेटा के स्वागत, रूपांतरण और प्रसारण या पुनर्जनन के लिए मशीनें; और टेलीफोन सेट के हिस्से शामिल हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *