विदेश सचिव क्वात्रा ने अमेरिकी अधिकारियों, उद्योगपतियों के साथ बैठकें की

वाशिंगटन,  विदेश सचिव विनय क्वात्रा इस सप्ताह अमेरिकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकें करने और रक्षा एवं प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए उद्योगपतियों के साथ बातचीत के लिए यहां हैं।

क्वात्रा ने विदेश विभाग के फॉगी बॉटम मुख्यालय में उप विदेश मंत्री (प्रबंधन एवं संसाधन) रिचर्ड वर्मा और उप विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल के साथ अलग-अलग बैठकें कीं।

वर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अमेरिका-भारत के बीच जारी सहयोग को आगे बढ़ाने और क्षेत्रीय सुरक्षा एवं समृद्धि के लिए हमारे देशों की करीबी साझेदारी की आवश्यकता पर भारतीय विदेश सचिव क्वात्रा के साथ सार्थक बातचीत।”

इससे पहले दिन में, ‘यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल’ (यूएसआईबीसी) द्वारा इसके बोर्ड अध्यक्ष और एनएएसडीएक्यू के कार्यकारी उपाध्यक्ष एड नाइट की क्वात्रा के साथ जलपान पर एक बैठक की मेजबानी की गई।

यूएसआईबीसी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “वे निवेश बढ़ाने, नवाचार और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने तथा हमारे देशों के बीच वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा में शामिल हुए।”

दौरे पर आए विदेश सचिव रक्षा विभाग, व्हाइट हाउस और वाणिज्य विभाग सहित अमेरिकी सरकार की विभिन्न इकाइयों के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं।

इस यात्रा को मीडिया की चकाचौंध से दूर रखा गया है। यह यात्रा भारत में आम चुनावों और वाशिंगटन डीसी में भारत-प्रशांत क्षेत्र संबंधी एक सप्ताह की व्यस्त और गहन राजनयिक गतिविधियों के बीच हो रही है।

बृहस्पतिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने फिलीपीन के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ ऐतिहासिक त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन की मेजबानी की।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामकता के बीच शिखर सम्मेलन महत्वपूर्ण है। एक दिन पहले, बाडडन ने किशिदा के लिए राजकीय रात्रिभोज की मेजबानी की थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की ऐतिहासिक आधिकारिक राजकीय यात्रा के बाद, द्विपक्षीय संबंधों में कुछ असहजता आयी है, विशेष रूप से अमेरिका में सिख अलगाववादी आंदोलन के मुद्दे पर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के मुद्दे पर विदेश विभाग के असामान्य बयान से।

भारत ने विदेश विभाग की ऐसी टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई थी।

रक्षा विभाग के प्रेस सचिव मेजर जनरल पैट राइडर ने पेंटागन में संवाददाताओं से कहा कि भारत अमेरिका का एक बहुत महत्वपूर्ण भागीदार है और दोनों देशों के बीच संबंध लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने साझा मूल्यों की दिशा में भारत के साथ काम जारी रखने के लिए बहुत उत्सुक हैं।”

इस सप्ताह की शुरुआत में, अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों को बताया था कि बाइडन प्रशासन अपनी प्रमुख रक्षा साझेदारी के तहत अमेरिका-भारत संबंधों में एक नया अध्याय शुरू कर रहा है। उन्होंने कहा, “हमारी सेनाएं हिंद महासागर में समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त अभ्यास, सूचना-साझाकरण और अन्य परिचालन गतिविधियों में तेजी ला रही हैं।”

ऑस्टिन ने कहा, “भारतीय सेना की क्षमताओं को बढ़ाकर, हम व्यापक हिंद-प्रशांत में शक्ति का अधिक स्थिर संतुलन बनाए रखने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि अमेरिका और भारत के बीच बढ़ती साझेदारी हमारे सहयोगियों एवं भागीदारों के व्यापक तंत्र के प्रयासों का समर्थन करे, विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के बीच चतुष्पक्षीय (क्वाडिलेट्रल) सुरक्षा वार्ता।”