खुशबू के चक्कर में बीमारियां

तन की दुर्गंध से छुटकारे के लिए डीओडरेंट का इस्तेमाल हमारी जरूरत है।
धुआंधार डीओडरेंट लगाने से पसीने की बदबू तो दूर हो जाती है लेकिन कई बार यह आपकी त्वचा के कई तरह की समस्याओं का कारण हो सकता है, खासतौर पर तब जब आपके परफ्यूम में एल्कोहल हो।
क्या हो सकता है नुकसान – त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. नवीन तनेजा के अनुसार एल्कोहल युक्त परफ्यूम से कुछ समय के लिए पसीने की बदबू तो रोकी जा सकती है लेकिन इनके बहुत अधिक इस्तेमाल से एलर्जी, त्वचा के रोग जैसी कई दिक्कतें हो सकती हैं।
– एल्कोहल त्वचा की नमी को सोख लेता है जिससे त्वचा बहुत अधिक रुखी हो सकती है या फिर जलन, रैशेज, कालापन, एलर्जी जैसी कोई समस्या हो सकती है।
डियो में इन केमिकल्स से बचें – डीऑडरेंट में मौजूद एल्कोहल के अलावा, एल्यूमुनियम क्लोरोहाइड्रेट, जिर्कोनियम, प्रोपलीन ग्लाइकोल जैसे रसायनों से न सिर्फ त्वचा बल्कि श्वांस संबंधी रोग, एलर्जी, ब्रेस्ट कैंसर, नर्वस सिस्टम से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
– डॉक्टर बताते हैं कि एल्यूमुनियम या एल्कोहल जैसे एंटीपर्सपिरेंट्स पसीने को ब्लॉक कर देते हैं जिससे कई प्रकार की सेहत संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
– बहुत अधिक डीओडरेंट का इस्तेमाल करने वाले लोगों में अक्सर ये समस्याएं पाई जाती हैं।
– अब बाजार में कई ऐसे डीओडरेंट मौजूद हैं जो एल्कोहल फ्री हैं उन्हें चुनना अपेक्षाकृत फायदेमंद होगा।
– डीऑडरेंट के बजाय कपड़े पर नैचुरल इत्र या परफ्यूम लगा सकते हैं जिससे त्वचा से इनका सीधा संपर्क न हो।
– डीऑडरेंट की जगह रोल ऑन स्टिक के इस्तेमाल में यह रिस्क थोड़ा कम होता है।
– माश्चयुराइजर युक्त डियो बेहतर विकल्प हैं।
– नहाते वक्त पानी में फिटकरी मिलाकर नहाएं जिससे पसीने से अधिक दुर्गंध नहीं आएगी।
– बहुत अधिक पसीना आने वाली जगह पर एंटीबैक्टीरियल या एंटीफंगल पाउडर का इस्तेमाल करें।