बच्चों पर जासूसी कहां तक सही

अदनान नाम के किशोर के मर्डर का केस अभी ताजा ही है। काश! मां-बाप को उसकी गतिविधियों, उसके फ्रैंडसर्कल के बारे में जानकारी होती तो शायद यह ट्रेजेडी होने से बच जाती।


अदनान करोड़पति बाप का बेटा था, इसलिए उसके बारे में मीडिया के जरिए लोगों को पता चला लेकिन ऐसे न जाने कितने गुमनाम किशोर-किशोरियां होंगे, जिनके बारे में किसी को पता तक नहीं चल पाता कि वे कहां गुम हो गए, जिन्दा भी हैं या नहीं।


इन सब हालात का देखते हुए मां-बाप आज बच्चों को लेकर बेहद डरे रहते हैं। पैसे वाले मां-बाप अपने बच्चों को लेकर और भी ज्यादा असुरक्षित महसूस करने लगे हैं क्योंकि फिरौती के लिए बच्चों के अपहरण करने के केस बढ़ते जा रहे हैं।


केवल बिगड़ी औलाद ही नहीं सच्चरित्र संस्कारवान बच्चे भी किडनेपर्स के शिकार बन सकते हैं। ऐसे में मां-बाप मजबूर हो जाते हैं कि बच्चों पर रखवाली के लिए वह कोई कदम उठायें। उनके पीछे जासूस लगाना सस्ता काम नहीं है सिर्फ पैसेवाले लोग ही इसे अफोर्ड कर सकते हैं। अगर आप ग्वालियर, नागपुर, चंडीगढ़, लुधियाना, नागपुर में हैं आप दो लाख रुपये में जासूसों को किराए पर लगा सकते हैं और अगर आपके बच्चे विदेश में हैं तो यह रकम पांच लाख से अधिक ही होगी। दरअसल बच्चे भी अब अभिभावकों के नियंत्रण में नहीं रहे। माता-पिता का संतान पर ज्यादा वश नहीं चलता। वे जानते हैं ज्यादा रोकने-टोकने से बच्चे बागी होकर कोई गलत कदम उठा सकते हैं। घर छोड़कर जा सकते हैं या तैश में आकर अपनी जान तक ले सकते हैं। आज टी.वी. और सिनेमा की ग्लैमरयुक्त संस्कृति बच्चों पर इस कदर हावी है कि उसके मोहजाल से उन्हें निकाल पाना असंभव सा लगने लगा है। अपसंस्कृति के प्रदूषण में सांस लेते बच्चे बीमार हैं, मगर वे ये कहां समझ पाते हैं।


एक सिक्योरिटी फर्म के चेयरमैन कृष्ण थडानी के अनुसार धनाढ्य लोग अपने बच्चों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। अगर बेटी डेट पर जाती है तो बॉडीगार्ड साथ कर देंगे। बेटे को जब हजारों रुपए माह का जेबखर्च खुशी-खुशी देते हैं तो उसके बिगडऩे के अवसर भी बढ़ जाते हैं। तब तो उन्हें अपने स्ट्टेटस का गुरूर होता है।


आज गरीबी के साथ-साथ पैसे वालों की जमात भी खूब बढ़ रही है। लोगों में प्रदर्शन की आदत भी कम नहीं होती जो उन्हें भीतर से खोखला किए रहती है। वे स्वयं संस्कारवान नहीं होते तो अपने बच्चों को क्या संस्कार देंगे और क्या ही उन पर नियंत्रण रखेंगे। हां, प्राइवेट जासूस जरूर औरों की देखादेखी लगा देते हैं। सृष्टि खंडेलवाल के दो बच्चे हैं। बेटी अरीना ग्यारह की और बेटा अमन तेरह का है। बेटी हर समय कंप्यूटर से चिपकी रहती है और बेटा सायबर कैफे में बैठा रहता है। जब उन्होंने वह वेबसाइट चैक की जो उनकी बेटी विजिट कर चुकी थी और उसकी चैट भी चैक की तो वे जानकर हैरान थीं कि अरीना के अभी से ब्वॉयफ्रैंड्स बन गए हैं जिनसे वह अक्सर बातें करती है। वे लोग अश्लील जोक्स एक्सचेंज करते हैं। सृष्टि को लगा उनकी नौकरी के कारण बच्चे बिगड़ रहे हैं। उन्होंने पति से डिस्कस किया और दोनों की सम्मिलित राय थी कि सृष्टि को जॉब छोड़कर बच्चों के साथ भी कुछ वक्त गुजारना चाहिए। इतना जानना जरूरी है कि बच्चों को ओवरपावर न करें उन्हें उनकी स्पेस जरूर दें। बाथरूम में कुछ थोड़ा वक्त ज्यादा लगाया या फोन पर क्या बात कर रहे हैं, हर बात को लेकर आपका अति सजग रहना बच्चों को चिढ़ा देगा। कुछ दिल की उन्हें भी करने दें, अनुभवों से थोड़ा सीखनें दे। आखिर यह जीवन उनका है। इस उम्र में वह भावुक होते हैं, यह बात हमेशा ध्यान रखें। कुछ प्राइवेसी की जरूरत उनको भी है। यह स्वाभाविक है। उनके साथ मन से जुडि़ए। वह रिश्ता हो आपके बीच कि वे आपको धोखा देने की ना सोचें।