बाल कथा- मां की तीन बातें

मोहनपुर गांव में किशन अपने बूढ़े माता-पिता के साथ रहा करता था। उसके पिता कुछ काम नहीं कर पाते थे, इसलिए घर में हमेशा खाने-पीने की तंगी बनी रहती। किशन ने सोचा कि क्यों न वह शहर जा कर काम की तलाश करे।


घर से बाहर जाते समय मां ने कहा, ‘ठीक है कि तू घर की परेशानियां दूर करने के लिए धन कमाने बाहर जा रहा है। हो सके, तो मेरी तीन बातों का ध्यान रखना।‘
किशन बोला, ‘बताइए न, मां।‘


मां ने कहा, ‘राह में कभी अकेले मत चलना। हमेशा किसी न किसी साथी को ढूंढ़ लेना। जब कहीं बैठो तो पहले चारों तरफ सावधानी से देख लेना। तीसरी बात, अनजान आदमियों से होशियार रहना।‘


किशन ने मां और पिता को प्रणाम कर, विदा ली। चलते-चलते दोपहर हो गई। सफर की थकान से वह बेहाल हो गया। एक बड़ा तालाब देख कर वहां ठहरा।


तालाब से पानी पीने के बाद उसने देखा कि एक बड़ा केकड़ा उसकी ओर खिसकता आ रहा है। उसने उसे साथी मान अपनी पगड़ी में खोंस लिया और पेड़ की छाया में सुस्ताने लगा। उसे नींद आ गई।


उस पेड़ के छेद में एक विषैला सांप रहता था। सांप छेद से बाहर आ कर किशन को काटने को था कि केकड़ा सांप पर झपटा। सांप दर्द से छटपटाने लगा। केकड़े की पकड़ भी मजबूत होती जा रही थी, आखिर सांप मर गया। किशन की नींद खुली। अपने पास मरे हुए सांप को देख कर वह परेशान हो उठा। थोड़े समय बाद उसे सारी घटना पता चल गई। अब उसे अपनी गलती भी पता चली। उसे लगा कि मां की बात ही ठीक थी। सोने से पहले चारों ओर बखूबी देख लेना चाहिए था। किशन फिर बढ़ गया।


थोड़ी दूर जा कर उसने देखा कि चार आदमी जमीन पर एक चादर बिछा कर बैठे हुए हैं। किशन को देखते ही उनमें से एक चिल्ला उठा, ‘आओ भाई, तुम बहुत थक गए हो। यहां बैठ जाओ।‘ उसने चादर के बीच वाले हिस्से में बैठने का इशारा किया।


किशन को चारों आदमी कुछ ठीक नहीं लगे क्योंकि वे चारों कोनों में ही बैठे हुए थे लेकिन बीच वाली जगह खाली थी। उसने चादर को जोर से खींचा। देखते ही देखते वे एक गड्ढे में गिर पड़े। किशन ने आश्चर्य से देखा कि वह एक कुआं है। अगर वह चादर के बीच में बैठता तो कुएं के अंदर गिर पड़ता और वे उसे लूट लेते।


मां की दूसरी बात भी सही निकली। शाम ढल रही थी। उसने रात को एक गांव में ठहरने का निश्चय किया। वहां एक घर में बड़ा शोर मच रहा था। लोग चिल्ला रहे थे। भीड़ जुट गई थी। किशन ने घर वालों से पूछा।


एक आदमी ने कहा, ‘हमारे राजा की एक लड़की है पर उससे कोई शादी करना नहीं चाहता। जो उससे शादी करना चाहता है और राजकुमारी से मिलने जाता है तो मर जाता है। सुना है कि जब लड़का राजकुमारी से मिलने जाता है, तो वह बेहोश हो जाता है।


किशन ने तुरंत राजा के पास जा कर कहा, ‘मैं राजकुमारी से शादी करूंगा। अगर मैं मर जाऊं तो मेरे लिए कोई नहीं रोएगा।‘


राजा ने अनुमति दे दी। किशन के साथ राजकुमारी का विवाह हो गया। शादी समारोह देर रात तक चलता रहा। राजकुमारी सो गई लेकिन किशन को नींद नहीं आ रही थी। वह एक तलवार अपने पास रख कर जाग रहा था ताकि जरूरत पड़ने पर उसका उपयोग कर सके।
काफी रात हो गई। अचानक राजकुमारी दर्द से कराहने लगी। किशन ने देखा कि उसके मुंह से एक छोटा सांप बाहर आ रहा है। पलक झपकते ही उसने अपनी तलवार से सांप को मार डाला। राजकुमारी फिर सो गई। फिर वह भी सो गया।


अगली सुबह किशन को जीवित देख सब चकित रह गए। उसने सारी घटना बता दी। राज्य में खुशियां मनाई गईं।


अपनी नववधू के साथ किशन सुख से रहने लगा। उसके माता-पिता भी उसके साथ आ कर रहने लगे।