तत्काल संघर्षविराम जरूरी, ग़ाज़ा में फलस्तीनियों के लिए जिंदगी और मौत का प्रश्न : संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र,  (एपी) फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के प्रमुख फिलिप लजारिनी ने सोमवार को विश्व निकाय की एक आपात बैठक में, इजराइल और हमास के बीच जारी संघर्ष पर कहा कि ‘‘तत्काल मानवीय संघर्ष विराम जरूरी है क्योंकि ग़ाज़ा में लाखों लोगों के लिए जीवन और मृत्यु का प्रश्न है।’’

उन्होंने इजराइल पर फलस्तीनियों को ‘‘सामूहिक दंड’’ देने और नागरिकों का जबरन विस्थापन करने का आरोप लगाया।

लजारिनी ने आगाह किया कि भोजन और अन्य सहायता की बाट जोह रहे फलस्तीनियों द्वारा संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के गोदामों में लूटपाट के बाद नागरिक व्यवस्था ध्वस्त होने से ‘‘ग़ाज़ा में संयुक्त राष्ट्र की सबसे बड़ी एजेंसी के लिए अपना काम जारी रखना बेहद मुश्किल हो जाएगा।’’

लजारिनी ने सात अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले के 23 दिन बाद ग़ाज़ा में गंभीर मानवीय स्थिति का सुरक्षा परिषद में वर्णन किया।

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय कार्यालय ने बताया कि ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 8,300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें से 66 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं तथा हजारों लोग घायल हुए है।

यूनीसेफ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने बताया कि मृतकों में 3,400 से अधिक बच्चे शामिल हैं और 6,300 से अधिक बच्चे घायल हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि गाजा में हर दिन 420 से अधिक बच्चे मारे जा रहे हैं…. यह ऐसी संख्या है जो हमारी आत्मा को झकझोर कर रख देगी।’’

लजारिनी ने कहा, ‘‘यह 2019 से अब तक दुनिया के संघर्षरत क्षेत्रों में हर साल मारे गए बच्चों की संख्या से भी अधिक है।’’

उन्होंने कहा कि ग़ाज़ा में कहीं भी, कोई भी सुरक्षित स्थान नहीं है। उन्होंने आगाह किया कि मूलभूत सेवाएं चरमरा रही हैं, दवाओं, खाद्य सामग्री, पानी और ईंधन की किल्लत हो रही है और सड़कों पर सीवर का पानी बह रहा है जो बहुत जल्द ही बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करेगा।

सुरक्षा परिषद में ज्यादातर वक्ताओं ने सात अक्टूबर को हमास द्वारा इजराइल पर किए गए हमलों की निंदा की जिनमें 1,400 से अधिक लोग मारे गए थे। इन वक्ताओं ने उग्रवादियों द्वारा बंधक बना कर ग़ाज़ा ले जाए गए करीब 230 लोगों की तत्काल रिहाई का भी अनुरोध किया।

बहरहाल, प्रत्येक वक्ता ने इस बात पर भी जोर दिया कि इजराइल, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत नागरिकों की रक्षा के लिए तथा उनके जीवन के लिए जरूरी अस्पताल, स्कूल एवं अन्य अवसंरचनाओं की रक्षा के लिए बाध्य है।

परिषद में, कई दिनों से ग़ाज़ा की घेरेबंदी कर वहां खाद्य सामग्री, पानी, ईंधन और दवाओं की आपूर्ति रोकने तथा संचार सेवाएं बाधित करने को लेकर इजराइल की आलोचना भी की गई।