इंदौर में कांग्रेस की “नोटा” की अपील के बाद मतदान बढ़ाने की कवायद में जुटी भाजपा

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इंदौर (मध्यप्रदेश),  इंदौर लोकसभा क्षेत्र में 13 मई को होने वाले चुनाव की दौड़ से बाहर कांग्रेस की “नोटा” की अपील से सचेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आला नेताओं ने रविवार देर रात अहम बैठक की।

भाजपा नेताओं ने कहा कि यह बैठक इस सीट पर मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के उपायों पर मंथन के लिए आयोजित की गई थी। पार्टी का इस सीट पर पिछले 35 साल से कब्जा है।

कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने इंदौर में पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया और भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद कांग्रेस मतदाताओं से खुलकर अपील कर रही है कि वे “भाजपा को सबक सिखाने के लिए” इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर “नोटा” (उपरोक्त में से कोई नहीं) का बटन दबाएं।

राज्य के उप मुख्यमंत्री और भाजपा द्वारा लोकसभा चुनाव के प्रबंधन के लिए इंदौर क्लस्टर के प्रभारी बनाए गए जगदीश देवड़ा ने पार्टी के आला नेताओं की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया, ‘‘बैठक में चर्चा की गई कि इंदौर लोकसभा क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा मतदान हो।’’

देवड़ा ने कहा कि भाजपा इंदौर लोकसभा सीट प्रचंड बहुमत से जीतने के लिए लोगों को अधिक से अधिक मतदान के लिए प्रेरित करेगी।

बैठक में शामिल होने के बाद वरिष्ठ भाजपा नेता व लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, “बैठक में इस बात पर विचार-विमर्श किया गया कि इंदौर में मतदान का प्रतिशत कैसे बढ़े। हम चाहते हैं कि इंदौर, मतदान में देश की नम्बर-1 लोकसभा सीट बने।”

भाजपा के स्थानीय कार्यालय में आयोजित बैठक में प्रदेश के दो कैबिनेट मंत्री-कैलाश विजयवर्गीय और तुलसीराम सिलावट के साथ ही पार्टी के स्थानीय विधायक भी शामिल हुए।

भाजपा ने अपने निवर्तमान सांसद शंकर लालवानी को लगातार दूसरी बार इंदौर के चुनावी रण में उतारा है। मतदाताओं की तादाद के लिहाज से सूबे में सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र में इस बार 25.13 लाख लोगों को मताधिकार हासिल है जहां भाजपा ने आठ लाख मतों के अंतर से जीत का नारा दिया है।

इंदौर क्षेत्र में 2019 के लोकसभा चुनाव में 69 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।

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