क्या करें वायरल फीवर होने पर

आजकल वायरल फीवर से बहुत बड़ी संख्या में लोग पीडि़त हैं। दरअसल गर्मी हो या सर्दी, मौसम के थोड़ा बदलते ही यह फीवर आक्रामक रूप धारण कर लेता है और बड़ी संख्या में लोग इसका शिकार होते चले जाते हैं।


इसमें रोगी को बुखार के साथ-साथ सिर में भयंकर पीड़ा होने लगती है और पूरा बदन दर्द से टूट जाता है।


नाक से पानी वहने लगता है।
वायरल फीवर छूत की बीमारी होने के कारण तेजी से बढ़ती तो है ही इसमें किसी भी एंटीबायोटिक का प्रभाव भी नहीं होता।


वायरस है जिम्मेदार:

चिकित्सक और वैज्ञानिक ऐसा मानते हैं कि छूत की बीमारियों जैसे फ्लू, इंफ्लूएंजा आदि के लिए 200 प्रकार के नॉन स्पेसिफिक वायरस जिम्मेदार हैं। आमतौर से वायरस सभी नहीं होते। ये अचानक ही ठंडे वातावरण के सम्पर्क में आ जाते हैं तो क्रियाशील हो जाते हैं। आइसक्रीम, सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन या फ्रिज के ठंडे पानी के सेवन से ये सक्रिय हो जाते हैं तथा शरीर की रोग सहने की क्षमता को थोड़े समय के लिये बुरी तरह प्रभावित कर देते हैं। वायरल फीवर होने का कोई विशेष समय तय नहीं माना जाता। एक बार इसका शिकार व्यक्ति कई बार साल में दो-तीन बार भी पीडि़त हो जाता है।


वायरल फीवर के लक्षण:

भयंकर सिर दर्द होने लगता है तथा पूरा बदन दर्द से भर जाता है।
नाक में खराश होने लगती है तथा पानी भी गिरने लगता है।
गले में खराश होने लगती है। भूख लगनी कम हो जाती है।
सर्दी-खांसी और छींके आने लगती हैं।
सप्ताह भर तक यह स्थिति बनी रहती है।
वायरल फीवर हो जाए तो क्या करें?


इसमें किसी विशेष चिकित्सा की आवश्यकता नहीं होती। अधिक पीड़ा होने या तेज ज्वर होने पर दर्द निवारक गोली (पैरासीटामोल) का प्रयोग किया जा सकता है।
एक से सात दिन में स्वयंमेव ठीक हो जाने वाले इस ज्वर में रोगी को एंटीबॉयोटिक दवाओं का प्रयोग (जरूरत पडऩे पर) चिकित्सकों की राय से करना चाहिए।


तुलसी या अदरक की चाय लें।

ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन  करें।
गर्म पानी में शहद मिला कर पिएं, गले की खराश दूर हो जाती है।
स्टीम इन्हेलेशन से, दवाइयों से अधिक राहत मिलती है।
रोगी को अधिक लोगों के सम्पर्क में न आने दें और हवादार कमरे में आराम करने दें।


आयुर्वेदिक चिकित्सा है कारगर

वायरल ज्वर में मुलैठी, बड़ी इलाइची, दालचीनी आदि को पीसकर चाय पत्ती की तरह प्रयोग में लाएं।


लक्ष्मी विलास रस, मृत्युजंय रस, आदि का प्रयोग योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक की राय से करें, निश्चित लाभ मिलेगा।