चालीस के बाद भी दिखिए स्वस्थ और सुन्दर

चालीस की उम्र को पार करते ही महिला हो या पुरूष, अपने में बहुत से परिवर्तन पाते हैं। महिलाओं में ये परिवर्तन जल्द देखने को मिलते हैं। इन परिवर्तनों में मुख्य होते हैं अनिद्रा की समस्या, कमर का नाप बढ़ जाना, हेयर टेक्सचर में बदलाव, वजन का बढ़ जाना, एनर्जी कम होना, आस्टिओपोरोसिस व आस्टिओआर्थराइटिस की समस्या, चिड़चिड़ापन आदि। इस समय हार्मोन के स्तर में परिवर्तन, चयापचय क्रिया की गति कम होना, तनाव आदि भी देखने को मिलता है।


अमेरिका में फिटनेस गुरू माने जाने वाली 42 वर्षीय डेनिस आस्टिन ने अपनी किताब ’फिट एंड फेब्यूलस आफ्टर फोर्टी‘ में चालीस वर्ष की उम्र के बाद आने वाले परिवर्तनों की प्रक्रिया को धीमा करने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं। आस्टिन का मानना है कि पुरूष व महिला चालीस वर्ष की उम्र के पश्चात भी फिट व स्वस्थ रह सकते हैं अगर वे अपने जीवन में थोड़े से परिवर्तन लाएं और अपनी जीवन शैली में कुछ एडजस्टमेंट करें। इन एडजस्टमेंट में दो पहलुओं पर ज्यादा जोर दिया गया है। एक है व्यायाम और दूसरा न्यूट्रीशन।


आस्टिन का एक्सरसाइज प्लान बहुत साधारण है जिसे हर कोई आसानी से कर सकता है। इसमें सबसे पहले उन्होंने कार्डिवस्क्यूलर एक्सरसाइज पर बल दिया है। हृदय के लिए सबसे अच्छी एक्सरसाइज है पैदल चलना, जिससे कैलोरी खर्च होती है और चयापचय क्रिया भी तीव्र होती है।


आस्टिन के अनुसार प्रतिदिन 30 मिनट की सैर करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त आस्टिओपोरोसिस से सुरक्षा के लिए वजन उठाने जैसे व्यायाम भी  लाभप्रद हैं। इसके लिए आवश्यक नहीं कि आप जिम ज्वाइन करें। आप घर पर ही डंबल्स से व्यायाम कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त लचीलेपन और नियंत्राण लाने वाले व्यायाम जैसे योगा करें।


न्यूट्रीशन में आपने सबसे अधिक इस बात पर ध्यान देना है कि आप जितनी कैलोरी ग्रहण कर रहे हैं, उससे ज्यादा खर्च होनी चाहिए। आप जो भी भोजन ग्रहण कर रहे हैं, आपको जानकारी होनी चाहिए कि उससे आपको कौन से पोषक तत्व मिल रहे हैं। वसा का सेवन कम करें पर छोड़ें बिलकुल नहीं। कैंडी, चाकलेट का सेवन करने की बजाय फल जैसा केला, सेब आदि लें जो आपके शरीर को पोषक तत्व दें। आइसक्रीम से बेहतर है कि आप ताजे फलों के साथ दही या मिल्क शेक लें।


इसके अतिरिक्त भरपूर नींद लें। तनावमुक्त रहने का प्रयास करें। उम्र के इस दौर में आ रहे परिवर्तनों को खुशी से स्वीकार करें। अपने आपको व्यस्त रखें। ऐसे कार्य करें जो आपके मन को शांति दें।