सरकार को गेहूं खरीद शुरू होने से पहले किसानों की चिंता के समाधान की उम्मीद: खाद्य सचिव

नयी दिल्ली,  केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार को मार्च से गेहूं खरीद शुरू होने से पहले किसानों की चिंता के समाधान की उम्मीद है।

चोपड़ा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार आगे की बातचीत और पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों की चिंताओं का समाधान करने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने किसान नेताओं की भूजल स्तर और मिट्टी की गुणवत्ता कम होने जैसी चिंताओं को देखते हुए उन्हें एक प्रस्ताव दिया था। हालांकि, उन्होंने प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।

चोपड़ा ने कहा, ‘‘जैसा कि कृषि मंत्री ने कहा है, हम आगे की बातचीत के लिए इच्छुक हैं। हम उनसे बात करके खुश हैं। शायद, हम पूरी मंशा बताने में सक्षम नहीं हुए। मुझे लगता है कि निरंतर बातचीत से असहमति को दूर किया जा सकता है।’’

किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और कृषि कर्ज माफ करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा विरोध के कारण गेहूं की खरीद प्रभावित होगी, चोपड़ा ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि गेहूं खरीद शुरू होने से काफी पहले ही मुद्दों का समाधान हो जाएगा। मुझे नहीं लगता कि इसका कोई प्रभाव पड़ेगा।’’

उन्होंने यह भी कहा कि गेहूं की फसल अच्छी स्थिति में है और अगर मौजूदा मौसम अगले 10-15 दिनों तक बना रहता है तो सरकार को फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में अच्छी पैदावार की उम्मीद है।

कृषि मंत्रालय ने 2023-24 फसल वर्ष के लिए गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11.4 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया है, जबकि फसल वर्ष 2022-23 में यह 10.77 करोड़ टन था।

गेहूं खरीद पर सचिव ने कहा कि कई राज्यों के साथ चर्चा के बाद, बाजार में आवक के साथ मार्च के पहले पखवाड़े में गेहूं खरीद की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है।

कुछ क्षेत्रों में, गेहूं बाजार में जल्दी आ जाता है। लेकिन चूंकि खरीद एक अप्रैल से शुरू होती है, इसके कारण खरीद नहीं हो पाती।

उन्होंने कहा कि चावल को छोड़कर गेहूं, गेहूं का आटा, चीनी और खाद्य तेल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं।

सचिव ने कहा कि एथनॉल उत्पादन के लिए चीनी के और इस्तेमाल की अनुमति देने का कोई प्रस्ताव नहीं है।