दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों से संबंधित विधेयक लोकसभा में पारित

नयी दिल्ली,  लोकसभा ने दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों में सीलिंग या मकान ढहाने की कार्रवाई से संरक्षण की अवधि तीन साल और बढ़ाने के प्रावधान वाले ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र विधि (विशेष उपबंध) दूसरा (संशोधन) विधेयक, 2023’ को मंगलवार को मंजूरी दे दी।

आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब दिया और उसके बाद इस विधेयक को ध्वनिमत से निचले सदन की स्वीकृति मिल गई।

विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए पुरी ने कहा कि इस विधेयक के लागू होने के बाद दिल्ली की दो-ढाई करोड़ की आबादी में से करीब 40 लाख लोगों को मालिकाना हक का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा कि इसके तहत लैंड पूलिंग से 70 लाख और लोग भी लाभान्वित होंगे।

उन्होंने केंद्र की ‘जहां झुग्गी, वहीं मकान योजना’ का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली में बड़े स्तर पर पुनर्विकास कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि जो झुग्गीवासी उपरोक्त लाभ नहीं उठा पाते, उन्हें इस प्रक्रिया के पूरी होने के बाद लाभ मिलेगा और कोई इस राहत से छूटेगा नहीं।

पुरी ने कहा कि राहत में यह समय विस्तार सरकार को नीतियां बनाने के लिए व्यापक विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान करेगा।

उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार इस विधेयक के माध्यम से अनधिकृत कॉलोनियों के व्यवस्थित विकास की दिशा में बढ़ रही है।

उन्होंने इससे पहले विधेयक पेश करते हुए कहा कि अनियमित कॉलोनियों के विकास को अमानवीय तरीके से नहीं निपटाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों में सीलिंग या मकान ढहाने की कार्रवाई से संरक्षण तीन साल और बढ़ाने का प्रावधान इस विधेयक में किया गया है।

मंत्री ने कहा कि संरक्षण की अवधि एक अप्रैल, 2024 से 31 दिसम्बर 2026 तक बढ़ाने के लिए सदन की मंजूरी मिलनी चाहिए।

इससे पहले विधेयक पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के रमेश बिधूड़ी ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर राष्ट्रीय राजधानी की अनियमित कॉलोनियों के निवासियों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया।

बिधूड़ी ने दावा किया कि कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी ने कुछ साल पहले रामलीला मैदान में ऐसे कॉलोनी वासियों को पर्ची बांटी थी, लेकिन उनकी पार्टी की सरकार ने बाद में अपने वायदे के मुताबिक इन लोगों को वाजिब हक नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों के साथ पहले कांग्रेस ने धोखा दिया और उसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार ने भी उन्हें छला।

बिधूड़ी ने यह दावा भी किया कि ‘आप’ ने अपने घोषणा-पत्र में 70 वायदे किये थे, जिनमें 56वें नंबर पर किया गया वादा अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने से संबंधित था, लेकिन यह वादा आज भी पूरा नहीं हो सका है।

भाजपा सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने ऐसे कॉलोनियों के निवासियों को सीलिंग और मकान ढहाने के अदालती आदेश से सुरक्षा प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने भी आरोप लगाया कि दिल्ली में लंबे समय तक राज करने वाली कांग्रेस और आप सरकार ने अनियमित कॉलोनियों को नियमित नहीं किया।

शिवसेना के राहुल शेवाले ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि तीन साल की राहत का विस्तार दिल्ली की झुग्गियों और अनियमित कॉलोनियों के संपत्ति मालिकों के लिए बड़ी राहत देने वाला है।

उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि दिल्ली के मास्टर प्लान को प्राथमिकता के साथ अंतिम रूप दिया जाए जिससे इस महानगर के विकास की रफ्तार और तेज होगी तथा यह विश्वस्तरीय शहर बनेगा।