एक अणु जो खुजली की इच्छा पैदा करता है, वही त्वचा में सूजन को भी कम करता है

सैन फ्रांसिस्को, (द कन्वरसेशन) खुजली असुविधा का कारण हो सकती है, लेकिन यह बाहरी खतरों के प्रति त्वचा की रोग प्रतिरोधक क्षमता की प्रतिक्रिया का सामान्य हिस्सा होती है। अगर आप मच्छरों के काटने की वजह से खुजली कर रहे हों, तो यह मान लें कि आपमें खुजलाने की इच्छा इसलिए पैदा हुई है, ताकि आप बीमारी पैदा करने वाले जीव-जंतुओं को दूर भगा सकें। हालांकि, बहुत से लोग जो त्वचा के पुराने रोग जैसे एक्जिमा से पीड़ित हैं, उनमें खुजली करने की इच्छा या जरूरत त्वचा को खरोंचने का एक ऐसा चक्र पैदा करती है, जो नींद में बाधा डालता है, उत्पादकता कम करता है और व्यक्ति को दैनिक जीवन का आनंद लेने से रोकता है। यह चक्र संवेदी न्यूरॉन (तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं) और त्वचा की प्रतिरोधी कोशिकाओं के एक साथ काम करने के कारण पैदा होता है। इसकी वजह से त्वचा में सूजन और खुजली की इच्छा बढ़ती है। हमारे नये प्रकाशित शोध में इम्यूनोलॉजिस्ट और न्यूरोसाइंटिस्ट की मेरी टीम और मैंने पाया कि एक विशिष्ट प्रकार का खुजली-संवेदी न्यूरॉन एक छोटे प्रोटीन की उपस्थिति में खुजली-खरोंच-सूजन के पूरे चक्र को कम कर सकता है। इस प्रोटीन का नाम है इंटरल्यूकिन-31 या आईएल-31 और इसे ही खुजली पैदा करने के लिए जिम्मेदार माना जाता है। यह नकारात्मक प्रतिक्रिया चक्र केवल इसलिए संभव है, क्योंकि आपकी त्वचा में मौजूद खुजली-संवेदन तंत्रिका उन लाखों कोशिकाओं के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई है, जो आपकी त्वचा की प्रतिरोधक प्रणाली बनाते हैं। आईएल-31 प्रोटीन तंत्रिका और प्रतिरोधक प्रणाली के बीच संबंध की कड़ी है। यह अणु कुछ प्रतिरोधी कोशिकाओं द्वारा निर्मित होता है और इस अणु परिवार के अन्य सदस्यों की तरह यह प्रतिरोधी कोशिकाओं को एक-दूसरे के साथ संवाद करने की क्षमता प्रदान करने में मदद करता है।



हमारे अध्ययन से पता चलता है कि आईएल-31 त्वचा में संवेदी न्यूरॉन के दो अलग-अलग कार्य करने का कारण बनता है। वे खुजली की इच्छा बढ़ाने के लिए रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क को संकेत भेजते हैं, जिससे आमतौर पर सूजन बढ़ती है, लेकिन वे त्वचा को वापस संकेत भी देते हैं और कुछ प्रतिरक्षा कोशिकाओं को बाधित करके सूजन को कम करते हैं। आईएल-31 शायद ही उन लोगों की त्वचा या रक्त में मौजूद होता है, जिनके एक्जिमा, एलर्जी, अस्थमा या संबंधित बीमारियों से पीड़ित होने का इतिहास नहीं है। लेकिन एक्जिमा जैसी स्थिति वाले, जो पुरानी खुजली का कारण बनते हैं, उनकी त्वचा में आईएल-31 का उत्पादन काफी बढ़ जाता है। इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि आईएल-31 प्रतिरक्षा कोशिकाओं द्वारा उत्पादित प्रोटीन के एक छोटे समूह में से एक है, जो सीधे संवेदी न्यूरॉन से जुड़ सकता है और खुजली पैदा कर सकता है। शुद्ध आईएल-31 की थोड़ी मात्रा को सीधे त्वचा या रीढ़ की हड्डी के तरल पदार्थ में इंजेक्ट करने से तेजी से खुजली और खरोंच होने लगती है। हालांकि, जब मैंने और मेरे सहकर्मियों ने चूहों को धूल के कणों के संपर्क में लाकर उनमें चकत्ते पैदा किए, तो हमने पाया कि खुजली-संवेदी न्यूरॉन ने इसे बढ़ावा देने के बजाय खुजली वाली जगह पर सूजन कम कर दी। उन्होंने न्यूरोपेप्टाइड नाम के छोटे अणुओं का स्राव कर ऐसा किया, जिसने इस संदर्भ में प्रतिरक्षा कोशिकाओं को कम उत्साहपूर्वक प्रतिक्रिया करने के लिए निर्देशित किया।