सीएए का अब भी विरोध करते हैं, उच्चतम न्यायालय में मुकदमा लड़ना जारी रखेंगे: असम गण परिषद

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देवहाटी (असम),  सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल असम गण परिषद (अगप) ने कहा है कि वह नागरिकता (संशोधन) विधेयक (सीएए) का अब भी विरोध करती है और वह उच्चतम न्यायालय में इस विवादास्पद कानून के खिलाफ दायर मुकदमे को लड़ना जारी रखेगी।

अगप ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के संसद में पारित होने के बाद दिसंबर 2019 में इस कानून को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी और मांग की थी कि असम की ब्रह्मपुत्र घाटी को कानून के दायरे से बाहर रखा जाए।

पार्टी के नेता और बरपेटा लोकसभा सीट से उम्मीदवार फणी भूषण चौधरी ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि पार्टी अब भी इस अधिनियम का विरोध करती है और हर मंच पर अपनी आवाज उठाती रहेगी।

लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से कुछ दिन पहले अधिनियम के नियमों को अधिसूचित किए जाने के बाद पार्टी के रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘अगप अपने रुख को लेकर स्पष्ट है… वह सीएए का विरोध करती है। हम कानून के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में मुकदमा लड़ रहे हैं।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या राजग में बने रहना और सीएए का विरोध करना अगप का ‘‘दोहरा मानक” नहीं है, चौधरी ने कहा कि क्षेत्रीय पार्टी ने इस मुद्दे पर कभी भी अपना रुख नरम नहीं किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा एक राष्ट्रीय पार्टी है और अगप एक क्षेत्रीय संगठन है। उनके लक्ष्य और उद्देश्य हमसे अलग हैं। ऐसा नहीं है कि हम भाजपा के साथ हैं तो हम सीएए का समर्थन करेंगे, इसलिए हमारी पार्टी ने इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने और मुकदमा लड़ने का फैसला किया है। यह मुकदमा अभी जारी है।’’

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