इंडो-जैपनीज एसएमई एसोसिएशन के गठन पर विचार जारी

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सिंगापुर, इंडो-जैपनीज एसोसिएशन (मुंबई) के अध्यक्ष मेहूल एन. भुवा ने कहा कि जापान के छोटे व्यवसायों को भारतीय बाजार में प्रवेश में मदद करने के लिए एक इंडो-जैपनीज एसएमई एसोसिएशन के गठन पर विचार किया जा रहा है।

भुवा ने यहां एक सम्मेलन में कहा कि जापानी सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्योगों (एसएमई) को भारतीय बाजार में अवश्य आना चाहिए और भारत-जापान व्यापार साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाने के लिए ठोस प्रयास समय की मांग है।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा लक्ष्य मुंबई में एक इंडो-जैपनीज एसएमई एसोसिएशन बनाना, इसमें दोनों देशों के एसएमई क्षेत्रों के सदस्यों को शामिल करना, उन्हें एक-दूसरे के साथ साझेदारी बनाने और भारतीय बाजार में प्रवेश करने में मदद करना है।’’

भुवा ने अमेरिका स्थित गैर-लाभकारी उद्यमी संगठन (ईओ) द्वारा आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के मौके पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ इस तरह की पहल की प्रगति के लिए दोनों देशों की सरकारों के मजबूत समर्थन की जरूरत है, खासकर भाषाओं, संस्कृतियों और वीजा मुद्दों जैसी बाधाओं को दूर करने के लिए…’’

उन्होंने कहा कि जापानियों के पास बहुत पैसा तथा प्रौद्योगिकी है लेकिन उन्हें कोई उचित बाजार नहीं मिलता। वहीं भारत एक बढ़ता हुआ बाजार है जहां नकदी की पहुंच कम है और प्रौद्योगिकी की कमी है।

भारत में अभी 1,500 जापानी कंपनियां काम कर रही हैं, जिनमें से अधिकतर वैश्विक परिचालन तथा बैंकों वाले बड़े निगम हैं। वहीं जापानी व्यवसायों का सबसे बड़ा केंद्र चीन है।

निश्चित रूप से जीवंत भारतीय बाजार में अधिक जापानी व्यवसायों को लाने की गुंजाइश है। मुंबई स्थित कंसल्टेंसी निची इंश्योरेंस सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के संचालक और भारतीय बाजार में जापानी व्यवसायों को सलाह देने वाले भुवा ने कहा, ‘‘ अभी जापानी भारत, फिलीपींस और वियतनाम से 51,000 आईटी इंजीनियरों की भर्ती कर रहे हैं।’’

उन्होंने भारत की अग्रणी लीजिंग कंपनी रेंट अल्फा में मिजुहो लीजिंग कंपनी द्वारा पिछले साल के 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर के निवेश सहित कई सौदों में मदद की।

भुवा सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले 143 भारतीय प्रतिनिधियों में से एक थे। इनमें 65 देशों के 1,800 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह आयोजन यहां 22-24 अप्रैल तक आयोजित किया गया। उद्यमी संगठन (ईओ) के 19,000 सदस्य हैं।

 

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