प्रशंसा करना भी कला है

प्रशंसा’ करना भी एक कला है, क्योंकि प्रशंसा करके हम किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर उसके मन को जीत सकते हैं। प्रशंसा द्वारा कामचोर को कर्मयोगी बना सकते हैं, बशर्ते कहने की कला होनी चाहिए। आज भी ऐसे व्यक्ति हैं, जो प्रशंसा करने से कतराते हैं, भले ही सामने वाले व्यक्ति ने कितना ही अच्छा काम क्यों न किया हो।


प्रशंसा करना सरल नहीं है, क्योंकि कभी-कभी गलत ढंग से की गई प्रशंसा से अच्छे से अच्छे रिश्तों में दरार पड़ जाती है। अत: जब भी प्रशंसा की जादुई छड़ी घुमायें, सोच-समझकर घुमायें, तभी वह जादुई छड़ी अपना कमाल दिखा पायेगी। प्रशंसा हमेशा अच्छे कामों की की जानी चाहिए। काम हो जाने के तुरंत बाद प्रशंसा कीजिए, तभी वह असरकारी होगी, अन्यथा देर से की गयी प्रशंसा का प्रभाव कम होगा। प्रशंसा हमेशा सच्ची होनी चाहिए। झूठ, चापलूसी या बनावटीपन प्रशंसा में नहीं झलकना चाहिए। प्रशंसा सदैव सही समय, सही स्थान पर करें। एक बात की बार-बार तारीफ करने से बचें। प्रशंसा करने के लिए जरूरी नहीं कि आप लम्बे-चौड़े शब्दों का इस्तेमाल करें। इसके लिए कम एवं सार्थक शब्दों का इस्तेमाल कर सकती हैं। जैसे- वेरीगुड, शाबाश, बहुंत अच्छे, वेलडन, इत्यादि। बच्चों के मामले में सोच-समझकर प्रशंसा के बोल बोलिए। यदि आपके बच्चे ने क्लास में प्रथम स्थान प्राप्त किया है तो उसे शाबाशी देना न भूलें, किंतु यदि आप उसके सफल होने से पहले ही तारीफ करेंगे तो उसके क्रियाकलाप पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ेगा। प्रशंसा करते समय चेहरे पर मुस्कान एवं प्रसन्नता झलकनी चाहिए, अन्यथा चेहरे के हाव-भाव से ही पता चल जाएगा कि आप प्रशंसा कर रही हैं या व्यंग्य कस रही हैं। अचानक मिली प्रशंसा का भाव गहरा होता है। कभी-कभी बच्चे, मित्रों या परिवार के अन्य सदस्यों की अचानक प्रशंसा करके देखिए, उनके चेहरे पर मुस्कान खिल जाएगी। स्वप्रशंसा भी प्रभावशाली होती है। हम दूसरों की तो प्रशंसा करते हैं किंतु स्वयं की सफलता व उपलब्धियों को नजरअंदाज कर देते हैं जबकि ऐसा कर हम स्वयं का अहित करते हैं। प्रतिदिन किए गए सफलतापूर्वक कार्यों के लिए स्वयं की पीठ अवश्य ठोकिए। स्वप्रशंसा से हताशा दूर हो जाती है। संतोष मिलता है एवं आत्मविश्वास भी बढ़ जाता है। अत: अपनी छोटी सफलता पर स्वयं को प्रशंसित अवश्य करें। प्रशंसा करने से निश्चित रूप से आप किसी के भी मन को जीत सकती हैं। अतएव जहां कहीं भी आपको प्रशंसा योग्य कोई बात नजर आए तो तुरंत प्रशंसा करने से मत चूकिए।