अच्छी नींद लेने के टिप्स

अच्छे स्वास्थ्य और सौंदर्य के लिए गहरी नींद अत्यंत आवश्यक है। रात में गहरी नींद लेने के पश्चात् दूसरे दिन जो चुस्ती एवं ताजगी महसूस होती है वह किसी टॉनिक से प्राप्त नहीं हो सकती। निस्संदेह इससे व्यक्ति की कार्यक्षमता बढ़ती है। सच पूछें तो मीठी और गहरी नींद में जो आनंद प्राप्त होता है वह अत्यंत दुर्लभ है।


पूर्ण निद्रा के अभाव में व्यक्ति के स्वभाव में चिड़चिड़ापन, क्रोध तथा भूख न लगने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। उसका स्वास्थ्य धीरे धीरे गिरता चला जाता है। कई व्यक्ति नींद के लिए गोलियों का इस्तेमाल करते हैं जो स्वास्थ्य एवं सौंदर्य के लिए नुक्सानदेह है। मीठी एवं गहरी नींद कैसे लें, इसके लिए कुछ उपयोगी सुझाव ये हैं।


प्रतिदिन निश्चित समय पर सोएं चाहे सर्दी हो या गर्मी। रात को 10 बजे तक अवश्य सो जाएं। सुबह 5 या 6 बजे तक उठना भी उतना ही आवश्यक है जितना समय पर सोना।


सोने से तात्पर्य बिस्तर पर लेटे रहने से नहीं है वरन नींद लेने से है। यदि नींद अधिक इंतजार करवाती है तो अनिद्रा की स्थिति के लिए चिकित्सक का परामर्श ले।


सोते समय शरीर पर ढीले ढीले आरामदायक एवं न्यूनतम वस्त्रा होने चाहिए ताकि नींद में व्यवधान न पड़े।


सुखद नींद के लिए शयनकक्ष का तापक्रम अनुकूल होना चाहिए। सर्दियों में रातभर रूमहीटर या गर्मियों में एसी चलाकर नहीं सोना चाहिए।


सोने से एक घंटे पूर्व मीठा गुनगुना दूध पीना लाभदायक होता है। इससे शरीर और मस्तिष्क को शांति मिलती है मीठी गहरी नींद भी आती है।


सप्रयास नींद का लबादा ओढ़ने के बजाय स्वाभाविक रूप से नींद आने दें। इसके लिए आवश्यक है कि पूरा शारीरिक एवं मानसिक श्रम किया जाए। निश्चय ही परिश्रम की थकान के बाद अच्छी नींद आती है।


आपका शयन कक्ष साफ सुथरा एवं व्यवस्थित होना चाहिए। जिस तरह बकाया काम और जिम्मेदारियां नींद उड़ा देती हैं वैसे ही अव्यवस्थित शयनकक्ष भी नींद में व्यवधान का कारण बन जाता है।


रात का भोजन सोने से 2, 3 घंटे पूर्व अवश्य करें। रात का भोजन हल्का लें भारी एवं गरिष्ठ भोजन एवं ठूस ठूस कर खाना खाने से अपच तथा अनिद्रा का होना स्वाभाविक है।


शयन कक्ष एवं आसपास का वातावरण शांत निरामय होना चाहिए। तीखी रोशनी, शोर, चुभन आदि निद्रा में बाधा डालते हैं। कमरा स्वच्छ एवं हवादार होना चाहिए।
सोने के लिए बिस्तर स्वच्छ, मुलायम और आरामदेह होना अत्यंत आवश्यक है।
सोने से पूर्व चाय, काफी जैसे उत्तेजक पेय का सेवन न करें क्योंकि इनके सेवन से उत्तेजनावश नींद में बाधा उत्पन्न होती है। इसी तरह ठंडे पेय पदार्थों का सेवन भी सोने से पूर्व नहीं करना चाहिए।


नींद की गोलियां खाकर ली गई नींद प्राकृतिक नींद नहीं होती। साथ ही उनका स्वास्थ्य चिकित्सक के परामर्श पर अपरिहार्य होने पर ही इनका सेवन करें। जहां तक संभव हो इनकी सहायता के बिना प्राकृतिक नींद लें।


शरीर को ढीला रखकर सोएं इसी तरह मुंह ढांप कर सोना भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इससे व्यक्ति को पूरी ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और पूरी नींद लेने के बाद भी व्यक्ति सुस्त रहता है।


रोजाना सुबह शाम टहलने जाएं। रात्रि के भोजन पश्चात् अवश्य टहलना चाहिए।
यदि सोने के कमरे में भीनी भीनी सुगंध वाला वातावरण हो तो नींद अच्छी आती है। यदि संभव हो तो ऐसा प्राकृतिक रूप से करने का प्रयास करे।