गुरदासपुर लोकसभा सीट निश्चित जीतेंगे: कांग्रेस उम्मीदवार सुखजिंदर रंधावा

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चंडीगढ़,  पंजाब के चार बार के विधायक और लोकसभा चुनाव में गुरदासपुर से कांग्रेस के उम्मीदवार सुखजिंदर सिंह रंधावा का मानना है कि इस निर्वाचन क्षेत्र में “जीत” की राह में उन्हें उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों से कोई चुनौती नहीं है। यह सीट कभी पार्टी का गढ़ हुआ करती थी।

पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री ड्रोन के जरिये सीमा पार से राज्य में भेजे जा रहे मादक पदार्थों व हथियारों के साथ ही बेरोजगारी को सीमावर्ती निर्वाचन क्षेत्र के कुछ प्रमुख मुद्दों में से एक मानते हैं।

साथ ही उन्होंने राज्य की कथित तौर पर बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर भगवंत मान सरकार पर जमकर निशाना साधा।

पंजाब में एक जून को होने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से गुरदासपुर लोकसभा सीट छीनने के लिए कांग्रेस ने रंधावा पर भरोसा जताया है। वर्तमान में इस सीट का प्रतिनिधित्व भाजपा के सनी देओल कर रहे हैं।

रंधावा ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “गुरदासपुर निर्वाचन क्षेत्र में हमें लोगों का पूरा समर्थन है। हम निश्चित रूप से जीतेंगे।”

गुरदासपुर से यदि रंधावा चुनाव जीत जाते हैं तो वह पहली बार सांसद बनेंगे।

रंधावा 2002 में फतेहगढ़ चूड़ियां से विधायक बने और 2012, 2017 और 2022 में डेरा बाबा नानक क्षेत्र से विधानसभा के लिए फिर से निर्वाचित हुए।

गुरदासपुर लोकसभा सीट में नौ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं, जिनमें से छह – डेरा बाबा नानक, सुजानपुर, गुरदासपुर, दीनानगर, कादियान और फतेहगढ़ चूड़ियां – कांग्रेस के पास हैं। दो विधानसभा क्षेत्रों – भोआ और बटाला में आम आदमी पार्टी काबिज है तथा पठानकोट विधानसभा का प्रतिनिधित्व भाजपा विधायक कर रहे हैं।

गुरदासपुर संसदीय क्षेत्र को कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है लेकिन भाजपा ने 1998 में अभिनेता विनोद खन्ना को मैदान में उतारकर कांग्रेस के इस किले में सेंध लगा दी थी।

खन्ना ने पांच बार की कांग्रेस सांसद सुखबंस कौर भिंडर को हराया था।

खन्ना ने 1999, 2004 और 2014 के लोकसभा चुनावों में फिर से जीत दर्ज की। हालांकि, 2009 में वह कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप सिंह बाजवा से यह सीट हार गए।

खन्ना की 2017 में मृत्यु के बाद कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने उपचुनाव में यहां से जीत हासिल की। देओल ने 2019 के संसदीय चुनावों में सीट जीती।

पिछली चरणजीत सिंह चन्नी सरकार में गृह विभाग संभालने वाले रंधावा ने पंजाब में आप सरकार की आलोचना करते हुए दावा किया कि राज्य में कानून-व्यवस्था “ध्वस्त” हो गई है।

उन्होंने कहा, “लोगों को हर दिन रंगदारी के लिए फोन आ रहे हैं। बटाला में कई परिवारों को रंगदारी के लिए फोन आए हैं।”

सीमा पार से ड्रोन के जरिए हेरोइन और हथियारों तथा गोला-बारूद की तस्करी को एक बड़ा मुद्दा बताते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य में रोजाना मादक पदार्थ पहुंचाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “बेरोजगारी यहां एक और बड़ा मुद्दा है।”

रंधावा (65) ने औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए पंजाब के सीमावर्ती जिलों के लिए हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में उद्योगों को दिए जाने वाले वित्तीय प्रोत्साहन की घोषणा करने की मांग की।

उन्होंने कहा, “जब यहां नए उद्योग आएंगे तो रोजगार के अवसर पैदा होंगे।”

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को भाजपा की ‘बी टीम’ बताते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, “अकाली दल को वोट देना भाजपा को वोट देने के बराबर होगा।”

भाजपा उम्मीदवार दिनेश बब्बू के बारे में रंधावा ने कहा कि वह 15 साल तक विधायक रहे, लेकिन उन्होंने कभी विधानसभा में एक भी शब्द नहीं बोला।

उन्होंने भाजपा के चुनावी उम्मीदवारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का जिक्र करते हुए कहा, “लोग उन्हें गांवों में प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं।”

रंधावा पंजाब में मुख्यमंत्री चन्नी के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार में उपमुख्यमंत्री थे। वह वर्तमान में डेरा बाबा नानक विधानसभा सीट से विधायक हैं और राजस्थान में कांग्रेस के प्रभारी भी हैं।

गुरदासपुर में चतुष्कोणीय चुनावी मुकाबला होने जा रहा है। अकाली दल ने पूर्व मंत्री दलजीत सिंह चीमा को, भाजपा ने पूर्व विधायक बब्बू को और आप ने बटाला के विधायक अमनशेर सिंह शेरी कलसी को उम्मीदवार बनाया है।

 

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