केवल सांगली से उम्मीदवार की बिना परामर्श के घोषणा की गई; शरद पवार ने माना

कोल्हापुर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने बृहस्पतिवार को स्वीकार किया कि सांगली लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार की घोषणा महा विकास आघाडी (एमवीए) के घटकों के बीच परामर्श के बिना की गई थी।

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने सांगली से अपने उम्मीदवार के रूप में पहलवान चंद्रहार पाटिल के नाम की घोषणा की थी, जबकि एमवीए सहयोगी कांग्रेस उस सीट से चुनाव लड़ने की इच्छुक थी। इस फैसले से दोनों दलों के बीच मनमुटाव पैदा हो गया, जिसके परिणामस्वरूप कांग्रेस के विशाल पाटिल को निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ना पड़ा।

एमवीए में सीट बंटवारे पर चर्चा के दौरान उम्मीदवार की जीत-हार के पैमाने पर विचार नहीं किये जाने के बारे में पूछे जाने पर पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सांगली एक अपवाद है, जहां उम्मीदवार की घोषणा बिना चर्चा के की गई थी।’’

उन्होंने कहा कि उन्हें (चंद्रहार पाटिल की उम्मीदवारी की) घोषणा के बारे में टेलीविजन से पता चला।

यह पूछे जाने पर कि क्या स्थिति को सुधारा जा सकता है, क्योंकि त्रिकोणीय लड़ाई से केवल सत्तारूढ़ भाजपा को फायदा होगा, पवार ने कहा, ‘‘अब जब निर्णय ले लिया गया है, तो स्थिति का सामना करें। लोगों को फैसला करने दें।’’

सांगली में सात मई को मतदान होगा, जहां मौजूदा भाजपा सांसद संजाकाका पाटिल का मुकाबला शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार चंद्रहार पाटिल और निर्दलीय विशाल पाटिल से होगा।

एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), राकांपा (एसपी) और कांग्रेस शामिल हैं।