प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सैन्य निर्यात 20 गुणा बढ़ा: राजनाथ

सीतामढ़ी (बिहार), रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को दावा किया कि देश का सैन्य निर्यात पिछले पांच वर्षों में 20 गुणा से अधिक बढ़ा है जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की ‘‘आत्मनिर्भरता’’ का प्रमाण है।

उत्तर बिहार के सीतामढ़ी शहर में स्थानीय बुद्धिजीवी वर्ग की एक सभा को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, “ जब मैंने (2019 में रक्षा) विभाग संभाला था तब रक्षा निर्यात लगभग 1,000 करोड़ रुपये का था और अब यह बढ़कर 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।”

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा कुल रक्षा निर्माण एक लाख करोड़ रुपये का है। इससे पता चलता है कि भारत आत्मनिर्भर बन रहा है और दुनिया भर के नेता इस बात को स्वीकार करते हैं कि 21वीं सदी भारत की होगी।”

बिहार की एक दिवसीय यात्रा पर आए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी की ‘‘कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं’’ है ।

उन्होंने बताया, ‘‘मुझे 2014 में और फिर पांच साल बाद (2019 में) चुनाव के लिए घोषणापत्र तैयार करने का काम सौंपा गया था। दोनों अवसरों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया था कि हम ऐसा कोई वादा नहीं करें जिसे हम पूरा न कर सकें।’’

सिंह ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना, तीन तलाक को खत्म करना और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण दिखाता है कि “हम जो कहते हैं कर के दिखाते हैं।”

उन्होंने 1990 के दशक में अयोध्या आंदोलन के चरम पर जेल जाने की घटना को याद करते हुए कहा, ‘‘ उस समय मैं भाजपा की युवा शाखा का नेतृत्व कर रहा था।’’

केंद्रीय मंत्री ने अर्थव्यवस्था के आकार के संदर्भ में ‘‘भारत के 11वें स्थान से पांचवें स्थान पर पहुंचने’’ पर भी प्रकाश डाला और कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘हम जल्द ही दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में होंगे” और 2047 तक देश विकसित होगा।

उन्होंने कतर से हाल में भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों की रिहाई के लिए भी प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप को श्रेय दिया। इन पूर्व नौसेना कर्मियों को पश्चिम एशियाई देश की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।

सिंह ने यह भी याद दिलाया कि एक साल पहले रूस और यूक्रेन ने ‘‘मोदी के अनुरोध पर कुछ घंटों के लिए युद्ध रोक दिया था ताकि हम अपने छात्रों को निकाल सकें।’”

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘इसके विपरीत अतीत में कांग्रेस द्वारा बनाई गई सरकारें गरीबी उन्मूलन के खोखले वादों और भ्रष्टाचार घोटालों के लिए जानी जाती थीं और तब केंद्रीय मंत्रियों को भी जेल जाना पड़ा था।’’

बिहार के एक दिवसीय दौरे पर आए पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने सीतामढ़ी जिले में पुनौरा धाम में पूजा की। इस मंदिर के बारे में माना जाता है कि राजा जनक को इसी स्थान पर देवी सीता मिली थीं।

सिंह ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विश्वसनीयता बढ़ रही है, कोई क्षेत्र नहीं बचेगा जहां (भाजपा का चुनाव चिन्ह) ‘कमल’ नहीं खिलेगा।’’

जब उनसे यह पूछा गया कि क्या सीतामढ़ी सीट से भी भाजपा की जीत होगी तो उन्होंने कहा, ‘‘मां जानकी के आशीर्वाद से सीतामढ़ी में भी ‘‘कमल’’ खिलेगा। सीतामढ़ी लोकसभा सीट से भाजपा कभी नहीं जीती है।

भाजपा ने 1998 के लोकसभा चुनाव के बाद सीतामढ़ी में अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है। गत चुनावों में उसने यह सीट अपने सहयोगियों के लिए छोड़ दी थी।

जदयू ने 2019 में इस सीट से भाजपा के एक पूर्व नेता सुनील कुमार पिंटू को चुनावी मैदान में उतारा था ।

ऐसा माना जा रहा है कि जदयू इस सीट पर फिर से चुनाव लड़ना चाहती है और ऐसी चर्चा है कि जदयू के प्रमुख एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को इस बार यहां से टिकट देने का आश्वासन दिया है जिससे पिंटू नाराज हैं जबकि भाजपा इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है।

राजनाथ सिंह ने सीतामढ़ी के विकास पर सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया। सीतामढ़ी ‘‘रामायण सर्किट’’ का हिस्सा है।