राष्ट्र के विभाजन संबंधी कांग्रेस सांसद के बयान पर माफी मांगे विपक्षी पार्टी : प्रह्लाद जोशी

नयी दिल्ली,  ‘एक अलग राष्ट्र की मांग उठाने के लिए दक्षिणी राज्यों के मजबूर होने’ संबंधी एक कांग्रेस सांसद के बयान पर सरकार ने शुक्रवार को मुख्य विपक्षी पार्टी से माफी मांगने और अपने सदस्य पर कार्रवाई करने को कहा। इसके साथ ही उसने लोकसभा अध्यक्ष से इस मुद्दे को सदन की आचार समिति को भेजने का अनुरोध किया।



संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में कहा कि कांग्रेस सांसद डी के सुरेश ने बृहस्पतिवार को मीडिया के सामने दिए अपने बयान में ‘देश के विभाजन की बात’ की है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सांसद ने राजस्व और बजट आवंटन का झूठा आधार बनाकर देश के विभाजन की बात कही है।

जोशी ने कहा कि कांग्रेस सांसद ने संविधान का और उसकी शपथ का भी अपमान किया है जिसकी वह घोर निंदा करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘देश के विभाजन की कांग्रेस की परंपरा बरकरार है। मैं मानता हूं कि कांग्रेस को इस मामले में सफाई देनी चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए।’’

जोशी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इस विषय को सदन की आचार समिति को भेजने का भी अनुरोध किया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को बताना चाहिए कि अपने सांसद के बयान पर उसका क्या रुख है और क्या वह बयान के पक्ष में हैं?

जोशी ने कहा कि यदि कांग्रेस अपने सदस्य के बयान से सहमत नहीं है तो उनके खिलाफ कार्रवाई करे और यदि पार्टी कार्रवाई नहीं करती तो देश मानेगा कि कांग्रेस ‘‘देश को टुकड़े-टुकड़े करने में लगी हुई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सोनिया गांधी से मांग करता हूं कि कार्रवाई करें और इस संबंध में पार्टी माफी मांगे।’’

उन्होंने कहा कि देश कभी विभाजन की बात नहीं स्वीकार करेगा।

कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के भाई और राज्य से कांग्रेस सांसद डी के सुरेश ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में अंतरिम बजट पेश होने के बाद कहा था कि अगर विभिन्न करों से एकत्रित धनराशि के वितरण के मामले में दक्षिणी राज्यों के साथ हो रहे ‘अन्याय’ को ठीक नहीं किया गया तो ‘‘दक्षिणी राज्य एक अलग राष्ट्र की मांग करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।’’

डी के सुरेश ने यह दावा किया कि दक्षिण से एकत्रित कर की धनराशि को उत्तर भारत में वितरित किया जा रहा है और दक्षिण भारत को उसका उचित हिस्सा नहीं मिल रहा है।

संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने निचले सदन में कहा, ‘‘…मैं, विदेश मंत्री एस जयशंकर और अन्य कई नेता दक्षिण भारत से आते हैं। हम भारत की अखंडता में विश्वास रखते हैं, उस पर कोई सवाल नहीं। पूरा देश एक है।’’

जोशी के बयान के बाद कांग्रेस के सदस्य अपना पक्ष रखना चाह रहे थे और लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने उन्हें आवश्यक कागजात प्रस्तुत किए जाने के बाद बोलने का मौका देने का आश्वासन दिया।

इस दौरान कांग्रेस सदस्यों ने कुछ समय के लिए सदन से वॉकआउट किया। अध्यक्ष बिरला ने उन्हें राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए अपनी बात रखने को कहा।