औषधीय गुणों से भरपूर मेथीदाना

मेथीदाना भारतीय रसोई में प्रयोग किया जाने वाला बेहद प्रचलित मसाला है। यह कई सब्जियों व दालों, को बनाते समय प्रयोग किया जाता है पर इसके अंदर कितने औषधीय गुणों का भंडार है, इससे हम परिचित नहीं हैं।
द नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ न्यूट्रीशन, हैदराबाद के विशेषज्ञों ने पहली बार इस बात पर प्रकाश डाला कि अगर मधुमेह से पीड़ित रोगियों के भोजन में मेथीदाने का प्रयोग किया गया तो उनकी रक्त शर्करा के स्तर में कमी आई। यही नहीं, कई शोधों से यह भी सामने आया है कि मेथी का सेवन कोलेस्ट्रोल के स्तर में कमी लाता है।
मेथीदाना औषधीय गुणों के साथ-साथ सौन्दर्यवर्धक भी है। मेथीदाने को पीसकर इसका महीन पेस्ट बना कर खोपड़ी पर लगाया जाए तो डैंड्रफ से छुटकारा पाया जा सकता है। पूर्व में इसके दानों से पाउडर बना कर पीली हेयर डाई बनाई जाती थी।
मेथी प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, व फाइबर का अच्छा स्रोत है। इसमें कुछ रसायन जैसे ट्रिमोनेलाइन, कोलिन्स, सेपोनिन्स पाए जाते हैं जिनमें औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसमें कुछ में बैटा केरोटीन व फोलिक एसिड भी पाया जाता है व यह कैल्शियम व फास्फोरस जैसे खनिज लवणों का उत्तम स्रोत भी है। मेथी के पत्तों में आयरन, विटामिन ए, सी और कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं।
मेथी के दानों से खुशबूदार तेल निकाल कर इसका प्रयोग परफ्यूम उद्योग भी कर रहे हैं। प्राचीन समय से इसका प्रयोग औषधि के रूप में होता रहा है। प्राचीन समय में वैद्य इसके दानों को पानी में मिला दवा बना इसका प्रयोग जख्मों के इलाज में करते थे। डायरिया, पेचिश, पेट दर्द, कफ, रिकेटस व जिगर संबंधी कई रोगों में भी मेथी का प्रयोग दवा के रूप में किया जाता है।
शिशु के जन्म के समय होने वाली पीड़ा को भी इसका सेवन कम करता है। ऐसा भी माना जाता है कि मेथी के सेवन से स्तनों में अधिक दूध उतरता है इसलिए प्रसवोपरांत महिला को इसका सेवन कराया जाता है। कब्ज को दूर करने में भी मेथी सहायक है। मेथीदाने की 5 ग्राम की मात्रा का पाउडर बना लें और इसे सुबह व रात गुड़ या पानी के साथ लें। इससे कब्ज से छुटकारा मिलेगा व जिगर भी मजबूत बनेगा।
मधुमेह के रोगियों के लिए भी मेथीदाना काफी लाभप्रद है। 15-20 ग्राम मेथीदाने को पानी में भिगो कर एक बर्तन में रात भर रखें। सुबह इस पानी का सेवन करें।