नित्यानंद के काल्पनिक देश के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद पराग्वे के अधिकारी ने इस्तीफा दिया

ब्यूनस आयर्स (अर्जेंटीना), पराग्वे सरकार के एक अधिकारी ने यह खुलासा होने के बाद इस्तीफा दे दिया कि उसने एक भगोड़े भारतीय गुरु के काल्पनिक देश के प्रतिनिधियों के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिन पर दक्षिण अमेरिकी देश में कई स्थानीय अधिकारियों को भी धोखा देने का आरोप है।

इस रहस्योद्घाटन के बाद सोशल मीडिया पर खूब मज़ाक उड़ाया गया, लेकिन यह शायद पहली बार है कि काल्पनिक देश संयुक्त राज्य कैलासा के स्वघोषित प्रतिनिधियों ने अंतरराष्ट्रीय नेताओं को धोखा दिया है। इस साल की शुरुआत में, वे जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र समिति की बैठक में भाग लेने में कामयाब रहे और अमेरिका तथा कनाडा में स्थानीय नेताओं के साथ समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए।

काल्पनिक देश के प्रतिनिधियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का खुलासा होने पर अर्नाल्डो चमोरो ने बुधवार को पराग्वे के कृषि मंत्रालय के स्टाफ प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया।

सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई समझौते की एक प्रति के अनुसार, अन्य बातों के अलावा, 16 अक्टूबर की “उद्घोषणा” में संयुक्त राज्य कैलासा के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने पर विचार करने और संयुक्त राष्ट्र सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों में इसके प्रशासन का संप्रभु एवं स्वतंत्र देश के रूप में समर्थन करने के लिए पराग्वे सरकार को सिफारिश की गई।

चमोरो ने एक रेडियो साक्षात्कार में कहा कि काल्पनिक देश के प्रतिनिधियों ने उनसे और कृषि मंत्री कार्लोस जिमेनेज से मुलाकात की थी।

साक्षात्कार के दौरान, चमोरो ने माना कि उन्हें नहीं पता कि कैलासा कहाँ स्थित है। उन्होंने कहा कि उन्होंने “समझौता ज्ञापन” पर हस्ताक्षर इसलिए किए क्योंकि उन्होंने सिंचाई सहित विभिन्न मुद्दों पर पराग्वे की मदद करने की पेशकश की थी।

कैलासा के सोशल मीडिया खातों में पोस्ट की गई तस्वीरों में काल्पनिक देश के प्रतिनिधि मारिया एंटोनिया और करपई नगरपालिकाओं के स्थानीय नेताओं के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए भी दिखाई देते हैं।

काल्पनिक देश की वेबसाइट पर, कैलासा को “प्राचीन, प्रबुद्ध, हिंदू सभ्यता वाले राष्ट्र के पुनरुद्धार” के रूप में वर्णित किया गया है, जिसे दुनिया भर से विस्थापित हिंदुओं द्वारा पुनर्जीवित किया जा रहा है।

इसका नेतृत्व स्वयंभू गुरु नित्यानंद द्वारा किया जाता है, जो यौन उत्पीड़न सहित कई आरोपों में भारत में वांछित है। उसका ठिकाना अज्ञात है।

मीडिया में आई खबरों के अनुसार, संयुक्त राज्य कैलासा के प्रतिनिधियों ने फरवरी में जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र समिति की दो बैठकों में भाग लिया था।