बहू की भावनाओं की भी कद्र करें

समाज में रहते हुए सामाजिक बंधन निभाने अनिवार्य होते हैं जैसे होश संभालने के बाद स्कूल जाना, फिर उच्च शिक्षा प्राप्त करना, खुद को किसी काम, नौकरी में व्यस्त रखना, उसके बाद शादी के बंधन में बंध जाना आदि।


जब लड़का, लड़की शादी के बंधन में बंधते हैं तो बहुत सी जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। लड़की जिस घर में प्रवेश करती है वहां सभी परिवारजन (लड़के के) बहुत उम्मीदें लिए होते हैं कि बहू घर की जिम्मेदारियों के साथ बाहर की जिम्मेदारियां भी संभालेगी तथा रिश्ते के संबंधों को मधुर बना कर रखेगी।


लड़की भी जब नए परिवार में आती है तो यही सोच कर आती है कि मुझे नए परिवार में अलग-अलग नहीं रहना है, बल्कि उस परिवार में घुल मिल जाना है और उनके रिश्तेदारों को अपना समझकर उनके साथ भी मधुर बन कर रहना है, उनके दुःख सुख में पूर्ण रूप से भागीदार बनना है।


बहू से आदर सम्मान की अपेक्षा रखते हैं तो आपको भी बहू के रिश्तेदारों के प्रति अपने कुछ कर्तव्य पूरे करने चाहियें।


सास-ससुर को बहू को ऐसे अवसरों पर पूरा सहयोग देना चाहिए न कि उसे यह कहें कि तुम्हारी वहां दूर की रिश्तेदारी है, तुम वहां मत जाओ। यह भी हो सकता है कि शादी से पहले उसके उस परिवार के साथ पारिवारिक संबंध रिश्तेदारों जैसे घनिष्ठ रहे हों।
बहू को इतनी स्वतन्त्राता देनी चाहिये कि वह अपने रिश्तेदारों के यहां अपने संबंधों के अनुसार बेरोकटोक आ जा सकें।


बहू को अपने संबंधों के अनुसार अपने रिश्तेदारों के साथ देन-लेन की भी छूट होनी चाहिए। बिना सलाह मांगे उस पर अपनी ओर से कुछ मत थोपें जिससे संबंधों में कटुता न आ जाए।
सास ससुर को यह सहयोग भी करना चाहिए कि जहां बच्चे ले जाना जरूरी न हों, उन्हें हर्षपूर्वक अपने पास रख लें जिससे बहू, बेटे को यदि कहीं दूर जाना हो तो निश्चित हो कर जा सकें।


जहां बहू की इज्जत करवाने की आवश्यकता हो, यदि सास ससुर पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं और काम विशेष नहीं है तो उन्हें भी बहू के साथ समारोहों में जाना चाहिये जिससे परिवारों में मधुर संबंध बनें।


इस प्रकार यदि ससुराल वाले बहू के भाई बन्धुओं को भी उसी नजर से देखें जिस नजर से वे अपने रिश्तेदारों को देखते हैं तो अवश्य ही बहू पूरे मन से अपने परिवार वालों का ध्यान रखेगी। सुखी परिवार के लिए सास ससुर का सहयोग उतना जरूरी है जितना वे बहू से आशा रखते हैं। बहू को बहुत भाषण देकर या रोक टोक करके समझाने से बेहतर है कि उसकी भावनाओं को भी कद्र करें।