संदेशखालि: तृणमूल कांग्रेस ने एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष रेखा शर्मा के खिलाफ चुनाव आयोग जाने की चेतावनी दी
Focus News 10 May 2024कोलकाता, तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि वह राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा के खिलाफ ”अपने पद के दुरुपयोग” और ”संदेशखालि मामले के प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक होने” को लेकर चुनाव आयोग (ईसी) में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराएगी।
पार्टी ने कहा है कि कई महिलाओं ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने उन्हें धोखा देकर तृणमूल नेताओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायतें दर्ज कराई।
एनसीडब्ल्यू ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सिफारिश की थी कि संदेशखालि में महिलाओं पर कथित हिंसा और अत्याचार को लेकर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
पश्चिम बंगाल के मंत्री और पार्टी प्रवक्ता शशि पांजा ने शर्मा के खिलाफ चुनाव आयोग का रुख करने की तृणमूल की इच्छा को शुक्रवार को रेखांकित किया। पांजा ने आरोप लगाया कि एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने संदेशखालि से जुड़े आरोपों को लेकर ‘राजनीतिक पूर्वाग्रह’ के तहत कार्य किया और ”क्षेत्र की महिलाओं को यौन अत्याचार के झूठे आरोप लगाने को लेकर प्रोत्साहित किया।”
तृणमूल द्वारा बृहस्पतिवार को साझा किये गए संदेशखालि की महिलाओं के कई कथित वीडियो में दावा किया गया है कि भाजपा के एक स्थानीय नेता ने उनसे कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराए जिन्हें बाद में यौन उत्पीड़न की शिकायतों का स्वरूप प्रदान कर दिया गया।
इन कथित वीडियो में महिलाओं ने दावा किया है कि स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता पियाली दास ने उन्हें स्थानीय पुलिस थाने में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने और वहां एनसीडब्ल्यू टीम के सामने अपनी आपबीती बताने के लिए कहा था।
महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनका कभी भी यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करने का इरादा नहीं था, लेकिन बाद में उन्हें अपने नाम से शिकायतें देखकर देखकर आश्चर्य हुआ जोकि दास द्वारा कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराये के जरिये की गई थी।
तृणमूल द्वारा साझा किए गए कुछ अन्य वीडियो में महिलाओं को उन शिकायतों को वापस लेने की इच्छा जताते हुए सुना गया और उन्होंने आरोप लगाया कि पुनर्विचार की इच्छा जताये जाने के बाद भाजपा की ओर से धमकियां व मुआवजा दिया जा रहा है।
पीटीआई-भाषा सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध इन वीडियो की प्रामाणिकता की व्यक्तिगत तौर पर पुष्टि नहीं करता।
तृणमूल प्रवक्ता ने दावा किया कि भाजपा संदेशखालि में अत्याचार के आरोपों पर एक ”पारिस्थितिकी तंत्र” बनाने की कोशिश कर रही है और वह इस उद्देश्य के लिए विभिन्न संगठनों का उपयोग करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व चुनाव प्रचार के लिए नियमित रूप से पश्चिम बंगाल का दौरा कर रहा है लेकिन जमीनी स्तर पर ताजा घटनाक्रम के मद्देनजर उन्होंने संदेशखालि के बारे में बात करना बंद कर दिया है।
पांजा ने कहा, ”हम मांग करते हैं कि अमित शाह जी इस मामले पर बोलें और माफी मांगें।”
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा केवल वोट लेने के लिए संदेशखालि को लेकर झूठे दावे कर रही है।
शाह का लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में शुक्रवार को राज्य में दो जनसभाओं को कार्यक्रम है।
पांजा ने कहा कि ऐसे आरोपों को लेकर तृणमूल पहले ही भाजपा और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करा चुकी है।
अधिकारी ने वीडियो में छेड़छाड़ किये जाने का दावा करते हुए तृणमूल के आरोपों को खारिज किया है और इस मुद्दे पर अदालत जाने की चेतावनी दी है।