राउरकेला, पिछले कुछ समय से खराब प्रदर्शन कर रही भारतीय महिला हॉकी टीम बुधवार को यहां एफआईएच प्रो लीग के मौजूदा सत्र में अब तक अजेय रही नीदरलैंड के खिलाफ मैदान में उतरेगी तो उसके सामने लय हासिल करने की चुनौती होगी।
पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहने के बाद से भारतीय टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आयी है। भुवनेश्वर और राउरकेला में जारी मौजूदा प्रो लीग में टीम का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है।
सविता पूनिया की कप्तानी में टीम मौजूदा सत्र में पांच मैचों में सिर्फ एक मुकाबला जीतने में सफल रही है। भारतीय टीम को अपने घरेलू मैदान में चीन (1-2), नीदरलैंड (1-3) और ऑस्ट्रेलिया (0-3) के खिलाफ लगातार तीन हार का सामना करना पड़ा है। टीम ने इसके बाद अमेरिका को 3-1 हराकर वापसी की लेकिन सोमवार को उसे चीन से फिर से 1-2 की शिकस्त का सामना करना पड़ा।
भारत को अपने अगले मुकाबले में सबसे कठिन चुनौती का सामना करना पड़ेगा। नीदरलैंड की टीम नौ मैचों में 27 अंक के साथ तालिका में शीर्ष पर है।
भारतीय इस समय नौ टीमों की लीग में पांच मैचों में केवल तीन अंक के साथ पांचवें स्थान पर है।
भारतीय अग्रीम पंक्ति को अब तक आंशिक सफलता मिली है, जिसमें संगीता कुमारी, वंदना कटारिया, दीपिका, नवनीत कौर और सलीमा टेटे गोल करने में सफल रहे हैं।
टीम को सबसे बड़ा झटका पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने की नाकामी से लग रहा है। ओलंपिक क्वालीफायर के बाद टीम को पांच मैचों में 21 पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन इसमें से एक भी गोल में नहीं बदला।
नीदरलैंड को चुनौती देने के लिए बुधवार को गुरजीत कौर, दीपिका और उदिता जैसी खिलाड़ियों को पेनल्टी कॉर्नर के मौके को भुनाना होगा। इसके साथ ही टीम को आसान गोल खाने से बचने के लिए पेनल्टी-कॉर्नर के खिलाफ अपने रक्षण को मजबूत करने की जरूरत होगी।
नीदरलैंड के बाद भारतीय महिला टीम को प्रो लीग के ओडिशा चरण में दो और मैच खेलेंगी। टीम 17 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया और 18 फरवरी को अमेरिका के खिलाफ मैदान में उतरेगी।