आचार संहिता लागू होने से पहले ‘‘उपग्रह आधारित पथकर प्रणाली’’ शुरू करने की योजना : गडकरी
Focus News 7 February 2024नयी दिल्ली, आगामी लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले सरकार पथकर के लिए ‘‘उपग्रह आधारित पथकर प्रणाली’’ शुरू करने पर विचार कर रही है जिसके तहत टोल नाके हटा दिए जाएंगे और वाहन चालकों को केवल उतनी ही दूरी का पथकर देना होगा जितनी दूर वह चलेंगे।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने राज्यसभा को प्रश्नकाल के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार पथकर के लिए दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी ‘‘उपग्रह आधारित पथकर प्रणाली’’ लाने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पूर्व आचार संहिता लागू होने से पहले देश में यह व्यवस्था लागू करने का प्रयास है।
गडकरी ने कहा ‘‘इस व्यवस्था के तहत टोल नाके हटा दिए जाएंगे। लोगों को कहीं रुकने की जरूरत नहीं होगी। लोगों के वाहन की नंबर प्लेट की फोटो ली जाएगी और जहां से प्रवेश होगा तथा जहां से निकासी होगी, केवल इतनी ही दूरी का पथकर लिया जाएगा और यह राशि वाहन चालक के बैंक खाते से काट ली जाएगी।’’
एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि टोल बूथ से हर दिन औसत संग्रह से 49 हजार करोड़ रुपये की आय होती है। उन्होंने कहा ‘‘फास्ट टैग व्यवस्था का उपयोग 98.5 प्रतिशत लोगों ने उपयोग किया है तथा 8.13 करोड़ फास्ट टैग जारी किए गए हैं। इसके तहत हर दिन औसतन 170 से 200 करोड़ रुपये का पथकर आता है।’’
गडकरी ने बीओटी परियोजना से जुड़े एक सवाल के जवाब में बताया कि जब उन्होंने परिवहन मंत्री का पद संभाला था तब तीन लाख 85 हजार करोड़ रुपये के 406 परियोजनाएं बंद पड़ी थे तथा बैंकों में तीन लाख करोड़ रुपये का एनपीए (गैर निष्पादक आस्तियां) पड़ा था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्ष में बैंकों के प्रतिनिधियों, विशेषज्ञों की बैठक बुला कर समाधान निकाला गया।
उन्होंने बताया ‘‘हमने 20 प्रतिशत परियोजनाएं रद्द कर दी। यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि हमने भारतीय बैंकों को तीन लाख करोड़ के एनपीए से बचाया।’’
‘बनाओ, चलाओ और सौंप दो’ (बीओटी) परियोजना आमतौर पर सार्वजनिक-निजी भागीदारी में उपयोग किया जाने वाला एक मॉडल है।
गडकरी ने बताया कि बीओटी के लिए उन्होंने एक नयी व्यवस्था पर विचार किया है। उन्होंने बताया कि पुणे से औरंगाबाद तक एक्सप्रेस हाइवे बनाया जा रहा है जिसे बीओटी के माध्यम से तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए वर्तमान रास्ते में आने वाले चार पथकर बीओटी परिचालक को दे दिए जाएंगे। परिचालक इसके लिए अपने पास से धन राशि लगा कर काम करेगा।
उन्होंने कहा कि फिलहाल बीओटी परियोजना के तहत कोई समस्या नहीं है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने कहा कि धार्मिक पर्यटन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को अच्छी सड़कें मिलें, इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 22 हजार करोड़ रुपये खर्च कर बुद्ध सर्किट बनाया गया और फोर लेन से जोड़ा गया।
इसी तरह से 30 हजार करोड़ रुपये की लागत से अयोध्या सर्किट भी बनाया गया जिसमें राम की वन यात्रा से लेकर नेपाल स्थित सीता की जन्मस्थली को भी जोड़ा गया।
उन्होंने बताया कि सिख धर्म में पांच तख्त हैं जिनमें से तीन पंजाब में, एक बिहार में और एक महाराष्ट्र के नांदेड़ में आता है। लगभग इन सभी पांच तख्तों को चार लेन से जोड़ा गया है।
गडकरी के अनुसार, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने बताया कि चार धाम का काम अभी आधा ही हुआ है लेकिन बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। ऐसे में 49 प्रतिशत व्यय रोजगार सृजन के लिए होता है।
हेमकुंड साहिब तक संपर्क के बारे में गडकरी ने कहा कि वहां रोप वे बनाया जा रहा है और यह उपयोगी भी है क्योंकि हिमाचल प्रदेश में सड़क बनाना बहुत मुश्किल है।