जब भी धूल भरी आंधियां चलती हैं तो कुछ लोगों को श्वासनली में संक्रमण के कारण एलर्जी, खांसी हो जाती है जो बहुत तकलीफ देती है और ठीक होने में समय भी अधिक लेती है। फेफड़ों में कफ का जमना या श्वासनली में किसी भी विकार का उत्पन्न होना या सांस लेने में कठिनाई का होना अस्थमा का संकेत देता है। अक्सर धूल भरा वातावरण, नम व शीत भरा मौसम, धुएं वाले स्थान में रहना या काम करना, भोजन ऐसा खाना जिससे कफ में वृद्धि हो या आनुवंशिकी इस रोग के मुख्य कारण हैं।
घरेलू इलाज
रात्रि में एक गिलास गर्म पानी में अंजीर भिगो कर रख दें। प्रातः उबालकर अजवायन मिलाएं। थोड़ी देर उबलने दें और उबलते पानी की भाप लें। लाभ मिलेगा। नींबू के रस में अदरक का रस मिलाएं और उसे लें। रोगी को लाभ पहुंचता है। दमे की शुरूआत हो तो रात्रि में सोने से पहले दो-तीन काली मिर्च चबाएं। अगर रोगी का सांस फूल रहा हो तो तुलसी के पत्ते को काले नमक के साथ मुंह में रखने से आराम मिलता है।
तुलसी के पत्तों के साथ कालीमिर्च मिलाकर लेने से अस्थमा में लाभ मिलता है। एक छोटा चम्मच करेले के पेस्ट में एक छोटा चम्मच शहद व थोड़े से तुलसी के पत्ते मिलाकर खाएं। इससे दमे में आराम मिलता है।
श्वासनलिका की सफाई हेतु सोंठ व बड़ी हरड़ पीसकर 5-5 ग्राम की मात्रा में मिलाकर गुनगुने पानी के साथ 10 से 15 दिन तक लें। लाभ मिलेगा।
पुरानी हल्दी की गांठ को पीस लें। आधा बड़ा चम्मच हल्दी पाउडर और पुराने शहद में से दो बड़े चम्मच शहद लेकर मिला लें उसके सेवन से लाभ होगा।
रात्रि में सोने से पहले भुने चने खाकर ऊपर से थोड़ा गरम दूध पी लें। इससे भी श्वास नली साफ हो जाएगी और दमे में लाभ मिलेगा।
श्यामा तुलसी का रस 20 मि.ली, 13 ग्राम शहद में मिलाकर सेवन करने से आराम मिलेगा। थोड़े से मेथीदाने को एक गिलास पानी में उबालें। जब पानी एक तिहाई रह जाए तो उसमें अदरक का रस और शहद मिलाकर पिएं। लाभ मिलेगा।
किसी योग गुरू से कुछ प्राणायाम और योगासन सीखें जो अस्थमा हेतु लाभप्रद हां। उनका अभ्यास नियमित प्रातः करें। लाभ मिलेगा।