कोलंबो, श्रीलंका की मुख्य तमिल पार्टी (टीएनए) के नेता इस हफ्ते राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मिलेंगे और कड़े आतंकवाद रोधी कानून के तहत गिरफ्तार तमिल कैदियों की रिहाई समेत लंबित मुद्दों पर उनके साथ चर्चा करेंगे।
तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) के नेता राष्ट्रपति के निमंत्रण पर 21 दिसंबर को उनसे मुलाकात करेंगे। यह राष्ट्रपति के तमिल समुदाय के साथ संवाद की प्रक्रिया का हिस्सा है।
टीएनए के वरिष्ठ सांसद धर्मलिंगम सिद्धार्थम ने पीटीआई-भाषा को बताया, “ जी हां, बैठक का कार्यक्रम तय किया गया है।”
राष्ट्रपति भवन के सूत्रों ने बताया कि आतंकवाद रोकथाम कानून (पीटीए) के तहत गिरफ्तार किए गए तमिल कैदियों को रिहा करने जैसे मुद्दों पर बातचीत की जाएगी।
अन्य एजेंडे में ‘हिमालयन डिक्लेरेशन’ है जिसे तमिल प्रवासी समूह, ‘ग्लोबल तमिल फॉरम’ (जीटीएफ) ने संकलित किया है। यह बहुलवादी श्रीलंका की वकालत करता है और इसे पिछले हफ्ते विक्रमसिंघे के सामने प्रस्तुत किया गया था।
जीटीएफ और बौद्ध भिक्षुओं के समूह ने पिछले हफ्ते देश का दौरा किया था और शक्तिशाली बौद्ध धर्मगुरुओं से मुलाकात की थी।
भारत श्रीलंका से कहता रहा है कि वह 13वें संशोधन को लागू करे ताकि अल्पसंख्यक समुदाय के साथ मेल-मिलाप के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। 13वां संशोधन 1987 में हुए भारत-श्रीलंका समझौते के बाद लाया गया था।