चाय का प्रयोग कम ही करें

मनुष्य जीवन में चाय एक ऐसा पेय है जो हर सुख और दुःख का साथी होता है। पश्चिमी सभ्यता की मार झेल रहे भारतीय लोगों ने भी चाय को विशिष्ट पेय पदार्थ मानकर मजबूरी और आवश्यकता के सिद्धान्त पर चलकर अपना लिया है।


इस कलियुग की आधुनिक संस्कृति और सम्पन्न तथा विपन्न समाज के लोगों में चाय एक सम्मान का प्रतीक बन गई है। व्यक्ति गरीब है या अमीर, छोटा है या बड़ा, गोरा या काला, सभी चाय की चाहत में इस कदर डूबे हुये हैं कि सुबह शाम दोपहर रात, खुशी हो या गम, चाय की उपेक्षा कभी नहीं कर सकते।


आखिर चाय में ऐसी क्या बात है कि बच्चे, बूढ़े नौजवान व महिलाएं इसे नहींं छोड़ पाते हैं। चाय की पत्ती का मूल्य बढ़ता जा रहा है लेकिन इसकी मांग और पूर्ति ऐसी है कि व्यक्ति बार-बार इसे पीता है।


क्या चाय में जहर है

वैज्ञानिकों का मत है कि चाय में तीन प्रकार के विष विद्यमान हैं। परीक्षण के बाद यह बात पूर्ण रूप से सिद्ध हो चुकी है कि यह हानिकारक पेय है? इन हानिकारक पदार्थोंं से मनुष्य को अनेक रोगों का सामना करना पड़ता है।


चाय में एक प्रकार का क्षारीय पदार्थ होता है। इस क्षारीय पदार्थ को रसायन विष की भाषा में थेईन कहा जाता है। चाय में थेईन होने के कारण ही इसके पीने वालों को एक अजीब अहसास होता है व आनन्द की प्राप्ति होती है। व्यक्ति अपनी थकान को दूर भागता हुआ महसूस करता है। अगर चाय की पत्ती में थेईन नहीं होगा तो चाय का स्वाद बिगड़ जायेगा। इसे पीने में कोई मजा नहीं आयेगा।


चाय पीने से नींद क्यों नहीं आती

चाय में एक तेल वोलेटाइल होता है जिसके कारण पीने पर नींद नहीं आती। चाय के ज्यादा सेवन से नेत्रों की चमक पर भी फर्क पड़ता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि चाय के कारण मस्तिष्क को भारी नुकसान होता है। व्यक्ति को भूलने की बीमारी हो जाती है। अधिक चाय पीने से स्वप्नदोष व पुंसत्व शक्ति में कमी आ जाती है। अधिकतर देखने में आया है कि चाय का सेवन ज्यादा करने वाले व्यक्ति हृदय के रोगों से पीड़ित होते हैं और उनकी सांसें तीव्र होती हैं।


चाय का कम से कम मात्रा में सेवन करें

चाय को थोड़ी मात्रा में ही कम बार पीना चाहिए। दिन में दो बार या तीन बार से ज्यादा चाय नहीं पीनी चाहिए। चाय को भूलकर भी खाली पेट नहीं पीना चाहिए क्योंकि इसमें एक हानिकारक रसायन टेनिन होता है। इसका सीधा प्रभाव लिवर पर पड़ता है। इसके चाय में होने से शारीरिक व मानसिक शक्ति का हृस होता है। चाय को ज्यादा देर तक नहीं उबालना चाहिए क्योंकि इस अवस्था में टेनिन सीधे जहर का काम करता है।


आधुनिक युग में महिला वर्ग में चाय काफी लोकप्रिय है लेकिन इसका उपयोग बहुत ही कम करना चाहिए। छात्रों व बालकों को इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए।