सर्दी की समस्याओं हेतु प्राकृतिक उपचार

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सर्दियां जहां भोजन के लिए सही मानी जाती हैं, वहीं अपने साथ अनेक समस्याएं भी लेकर आती हैं जैसे-रूखी त्वचा, खांसी-जुकाम इत्यादि। वैसे इस मौसम में सब्जियों व फलों की बहार होती है। आइए जानें फलों, सब्जियों व जड़ी-बूटियों से किस प्रकार अपनी परेशानियों को काबू में रख सकते हैं :-
अंजीर :- बाइबिल के समय से ही अंजीर को एक सुपर भोजन समझा जाता था। अंजीर की मुख्य विशेषता यह है कि इसमें आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम विटामिन की अच्छी मात्रा होती है। सूखी अंजीर में खारापन होता है और खारा भोजन शरीर के अंदर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालकर शुद्धिकरण करने में सहायक होता है। अंजीर में ऐसे एंजाइम होते हैं जो किसी भी प्रकार की रसौली को दूर करने में सक्षम होते हैं।
खून की कमी हो तो इसे दूर करने हेतु अंजीर का सेवन एक उत्तम उपाय है। इसके लिए अंजीर को रात को ही पानी में भिगोकर रख दें। सुबह इसका सेवन करें।
कमजोरी का अनुभव होने पर दूध के साथ अंजीर का सेवन करना चाहिए। इसका सेवन गुर्दे और मूत्रा संबंधी समस्याओं के निदान हेतु भी काफी अच्छा माना जाता है। अंजीर एक प्राकृतिक दवा है जो बलगम को दूर करने में सहायक होती है। बलगम से छुटकारा पाने के लिए इसे डेढ़ चम्मच शहद के साथ रोजाना लें। अगर नाक से खून बहता हो या जिगर कमजोर हो तो भी इसका सेवन काफी फायदेमंद साबित होता है। इतनी विशेषताएं होने पर भी अंजीर हमें नुकसान भी पहुंचा सकती है, यदि इसका सेवन ठीक प्रकार से न किया जाए तो। एक दिन में 2 से 3 से अधिक अंजीर का सेवन कदापि न करें। मधुमेह के रोगियों हेतु इसका सेवन उचित नहीं।
केसर :- यह एक अद्भुत औषधि है। यह माहवारी में होने वाले दर्द से निजात दिलाती है। इस दर्द से छुटकारा पाने हेतु एक चम्मच केसर को 125 मि. ली. पानी में उबाल लें और ठंडा होने पर इसे एक चम्मच पानी के साथ लें। जिन महिलाओं को गर्भधारण करने में समस्या हो, उन्हें दूध के साथ केसर का सेवन करना चाहिए। ध्यान रखें। इसके लिए बढ़िया क्वालिटी का  केसर ही लें।
अक्सर बच्चों को सर्दी में खांसी-जुकाम की समस्या रहती है। ऐसे में उन्हें केसर व बादाम दें। जिन व्यक्तियों का जिगर शराब के सेवन के कारण कमजोर हो, उनके लिए केसर का सेवन लाभदायक है। गर्भवती महिलाओं को केसर का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
दालचीनी :- यह एक वृक्ष की छाल होती है। इसका तेल एंटीसेप्टिक का काम करता है। यह एक सुगंधित पदार्थ है और इलायची जैसे अत्यधिक लोकप्रिय सुगंधित पदार्थों में से एक है। यह नवप्रसूता के दूध को बढ़ाने हेतु काफी फायदेमंद है। जुकाम व खांसी जैसे रोगों में इसे काली मिर्च व शहद के साथ सेवन करना चाहिए। सांस की दुर्गंध से परेशान व्यक्तियों के लिए इसका सेवन बहुत लाभदायक होता है।
लौंग :- यह दांतों संबंधी समस्याओं से निजात दिलाता है। यह दांतों व मसूड़ों की बीमारियों में एंटीसेप्टिक का काम करता है। दांतों में दर्द हो तो इसके इस्तेमाल से इस दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। साथ ही यह श्वसन संबंधी बीमारियों में भी लाभदायक माना जाता है। 

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