नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) भारत की विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां नवंबर में नौ महीने के निचले स्तर पर आ गईं। चुनौतीपूर्ण बाजार स्थितियों की खबरों के बीच बिक्री एवं उत्पादन में धीमी वृद्धि इसकी मुख्य वजह रही। सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई।
मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) अक्टूबर के 59.2 से नवंबर में 56.6 पर आ गया। यह फरवरी के बाद से परिचालन स्थितियों में सबसे धीमी गति का संकेत देता है।
खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर का अंक विस्तार जबकि 50 से नीचे का अंक संकुचन दर्शाता है।
एचएसबीसी के मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘‘ नवंबर के पीएमआई आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि अमेरिकी शुल्क के कारण विनिर्माण विस्तार धीमा हुआ है।’’
इसमें कहा गया कि कंपनियों ने हालांकि सुझाव दिया कि अंतरराष्ट्रीय बिक्री का रुझान अनुकूल बना हुआ है जो अफ्रीका, एशिया, यूरोप और पश्चिम एशिया में ग्राहकों को अधिक बिक्री को दर्शाता है। दूसरी ओर समग्र वृद्धि की गति में मामूली गिरावट आई है।
नये निर्यात ऑर्डर औसतन एक वर्ष से अधिक समय में सबसे कम गति से बढ़े हैं।
कीमतों के मोर्चे पर नवंबर में मुद्रास्फीति की दर में कमी आई, जबकि कच्चे माल की लागत एवं बिक्री शुल्क क्रमशः नौ और आठ महीनों में सबसे धीमी गति से बढ़े।
रोजगार के मोर्चे पर, भारत में विनिर्माताओं ने नए ऑर्डर वृद्धि में मंदी के अनुरूप अपनी भर्ती एवं क्रय गतिविधियों को समायोजित किया।
एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 कंपनियों के एक समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।