कांग्रेस ने शिवाजी की प्रतिमा के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया

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पुणे, चार सितंबर (भाषा) कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि तटीय सिंधुदुर्ग में गिर गयी शिवाजी महाराज की प्रतिमा के निर्माण पर मात्र 1.5 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि इस कार्य के लिए राज्य के खजाने से ‘236 करोड़ रुपये’ निकाले गये थे।

कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के अन्य नेताओं पर भी प्रहार किया जिन्होंने विपक्ष पर प्रतिमा गिरने की घटना का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है।

विधानसभा चुनाव के सिलसिले में होने वाली पार्टी की निर्वाचन क्षेत्र समीक्षा बैठक से पहले यहां महाराष्ट्र के कांग्रेस मामलों के प्रभारी रमेश चेन्निथला ने आरोप लगाया कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध और हत्याओं में वृद्धि हुई है, जो महायुति सरकार के तहत बिगड़ती कानून और व्यवस्था की स्थिति का प्रमाण है।

चेन्निथला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हर दिन हत्या तथा महिलाओं एवं बच्चों पर यौन हमले के मामले सामने आ रहे हैं। पुणे में दो हत्याएं हुईं। इससे पता चलता है कि कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह चरमरा गई है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार लोगों के प्रति असंवेदनशील है तथा ‘घोटाले करने एवं पैसे बनाने में व्यस्त है।’

पटोले ने दावा किया कि सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में शिवाजी महाराज की प्रतिमा के निर्माण के नाम पर राज्य सरकार के खजाने से लगभग 236 करोड़ रुपये निकाले गए।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘लेकिन हमारी जानकारी के अनुसार, प्रतिमा निर्माण कार्य एक से डेढ़ करोड़ रुपये में पूरा हुआ।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अनावरण किये जाने के आठ महीने से अधिक समय बाद 26 अगस्त को यह प्रतिमा ढह गई, जिससे राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया।

एकनाथ शिंदे के आरोप पर पटोले ने कहा कि शिवाजी महाराज के ‘अपमान’ तथा बदलापुर घटना के खिलाफ नाराजगी प्रकट करने को मामले का राजनीतिकरण नहीं कहा जा सकता है।

शिंदे ने कहा था कि विपक्ष प्रतिमा प्रकरण का राजनीतिकरण कर रहा है।

ठाणे जिले के बदलापुर में एक स्कूल में एक पुरुष सहायक द्वारा चार वर्षीय दो बच्चियों का कथित तौर पर यौन शोषण किया गया। इस मुद्दे पर विपक्ष ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने में देरी की।

पटोले ने कहा, “ये मुद्दे राजनीति के दायरे से बाहर हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष को विश्वास में नहीं ले रही है और इसके बजाय सत्तारूढ़ दल जवाबी विरोध प्रदर्शन आयोजित कर रहे हैं।