अन्याय के खिलाफ लड़ाई में अपने योद्धा पति के नक्शेकदम पर चलूंगी : कल्पना सोरेन

गिरिडीह (झारखंड), झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनके पति की गिरफ्तारी अप्रत्याशित थी और इससे झारखंड मुक्ति मोर्चा और परिवार को झटका लगा।

‘पीटीआई-भाषा’ से खास बातचीत में कल्पना ने कहा कि झुकना आदिवासियों के डीएनए में नहीं है और हेमंत सोरेन मजबूत होकर उभरेंगे।

उन्होंने कहा, “हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और हम इंतजार कर रहे हैं कि हेमंत जमानत पर बाहर आएं और लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करें। वह निर्दोष हैं और केंद्र की भाजपा नीत सरकार ने उन्हें पूर्व नियोजित साजिश के तहत फंसाया है।”

पार्टी के नये चेहरे के तौर पर उभरीं कल्पना ने भाजपा को “एक अत्याचारी ताकत” करार दिया जो कथित तौर पर विपक्ष पर अत्याचार करने पर आमादा है।

उन्होंने कहा, “जब आप गरीबों, आदिवासियों और दलितों के लिए काम करने वाले विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार कर रहे हैं तो संविधान कैसे बचेगा? वे (भाजपा) केवल झूठ बोलते हैं। भगवा पार्टी के ‘400 प्लस’ नारे ने यहां का तापमान 400 डिग्री से ऊपर पहुंचा दिया है। झारखंड के लोग भाजपा सरकार के खिलाफ गुस्से में हैं और इस अत्याचारी ताकत को उखाड़ फेंकेंगे जो इसके समृद्ध खनिज संसाधनों को लूट रही है।”

उनके पति के 90 दिनों से अधिक समय तक जेल में बंद रहने पर कल्पना ने कहा, “मेरा एक सवाल है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सभी कार्रवाई केवल विपक्ष शासित राज्यों में ही क्यों होती है?”

परिवार में कथित दरार पर कल्पना ने कहा, “पूरी एकता है। 29 अप्रैल को गांडेय उपचुनाव के लिए मेरे नामांकन के दौरान हेमंत जी के भाई वहां थे।”

अपनी भाभी सीता सोरेन के पार्टी छोड़ने पर कल्पना ने कहा, “झामुमो से अलग होने का फैसला उनका था और मेरी शुभकामनाएं हमेशा उनके साथ हैं”।

कल्पना (48) को इस साल की शुरुआत में सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकर्ताओं में एक नया जोश भरने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने कहा कि राजनीति कभी भी उनकी पसंद नहीं रही, लेकिन परिस्थितियों ने उन्हें इसमें धकेल दिया।

कल्पना ने कहा, “मैं अन्याय और तानाशाही ताकतों के खिलाफ लड़ूंगी क्योंकि झुकना आदिवासियों के डीएनए में नहीं है। मैं अपने पति के नक्शेकदम पर चलूंगी। उन्होंने अपने मूल्यों से समझौता करने के बजाय कारावास का रास्ता चुना। मैं उनकी अर्धांगिनी हूं और यह सुनिश्चित करूंगी कि अत्याचारी ताकतों को करारा जवाब मिले।”

उन्होंने कहा, “ईडी द्वारा मेरे पति की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित थी और उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर करने की साजिश का हिस्सा थी। उनकी गिरफ्तारी केंद्र सरकार की उन्हें डराने, धमकाने और अपमानित करने की साजिश का हिस्सा है लेकिन चुनाव में उन्हें करारा जवाब मिलेगा।”

कल्पना ने 29 अप्रैल को गांडेय विधानसभा उपचुनाव के लिए झामुमो उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। इस सीट के लिए राज्य में संसदीय चुनाव के साथ 20 मई को मतदान होना है।

गिरिडीह जिले की सीट झामुमो विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे के बाद खाली हुई है।

एमटेक और एमबीए जैसी व्यावसायिक योग्यता रखने वाली गृहिणी कल्पना ने अपनी स्कूली शिक्षा ओडिशा के मयूरभंज जिले के बारीपदा से पूरी की और भुवनेश्वर में इंजीनियरिंग तथा एमबीए की डिग्री प्राप्त की।

उनकी राजनीतिक यात्रा 4 मार्च को यहां झामुमो के 51वें स्थापना दिवस समारोह से शुरू हुई, जब उन्होंने दावा किया कि 2019 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद से उनके विरोधियों द्वारा एक साजिश रची गई थी।

हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय ने 31 जनवरी को कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था।

कल्पना की उम्मीदवारी के बारे में अटकलें दिसंबर में अहमद के इस्तीफे के बाद उठीं। भाजपा ने दावा किया कि ईडी द्वारा उनके पति को समन जारी किए जाने की स्थिति में कल्पना की उम्मीदवारी को सुविधाजनक बनाने के लिए ऐसा किया गया था।

हेमंत सोरेन ने हालांकि तब कल्पना के गांडेय से चुनाव लड़ने की अफवाहों को खारिज कर दिया था और इसे भाजपा की मनगढ़ंत कहानी बताया था।