भारत ने बांग्लादेश की तीस्ता जलाशय परियोजना में सहयोग की पेशकश की: विदेश मंत्री महमूद

ढाका, बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने बृहस्पतिवार को बताया कि भारत ने बांग्लादेश में सीमा पार तीस्ता नदी पर एक जलाशय के निर्माण के लिए सहयोग देने की पेशकश की है।

बांग्लादेश के दौरे पर आए विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने प्रधानमंत्री शेख हसीना और हसन से मुलाकात की, जिसके बाद बांग्लादेशी मंत्री ने यह जानकारी दी।

तीस्ता जल का बंटवारा भारत और बांग्लादेश के बीच एक विवादास्पद मुद्दा है और मुख्य रूप से इसी कारण बांग्लादेश ने जलाशय के निर्माण की पहल की और चीन ने इस परियोजना का समर्थन करने की तुरंत इच्छा जताई।

क्वात्रा बुधवार शाम ढाका पहुंचे। महमूद ने क्वात्रा से मिलने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप जानते हैं कि हमने तीस्ता से जुड़ी एक बड़ी परियोजना शुरू की है। भारत उसका वित्त-पोषण करना चाहता है। हमने कहा कि परियोजना हमारी जरूरतों के अनुरूप होनी चाहिए, इसे हमारी जरूरतों को पूरा करना होगा।’’

बहरहाल, मंत्री ने भारत के प्रस्ताव के बारे में विस्तार से नहीं बताया। बांग्लादेश ने कुछ महीने पहले कहा था कि वह भारत से बांग्लादेश में प्रवेश करने वाली तीस्ता पर जलाशय बनाने के चीनी प्रस्ताव से जुड़ी ‘‘भू-राजनीति’’ पर गौर करेगा।

क्वात्रा ने दिन में पहले प्रधानमंत्री हसीना से भी मुलाकात की थी, लेकिन इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया। बहरहाल, सूत्रों ने बताया कि क्वात्रा ने प्रधानमंत्री को नयी दिल्ली आने के लिए आमंत्रित किया, जो उनकी सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के सात जनवरी को लगातार रिकॉर्ड चौथी बार सत्ता में लौटने के बाद उनकी पहली भारत यात्रा होगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दुनिया के पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने हसीना के दोबारा निर्वाचित होने पर सबसे पहले बधाई दी थी।

यह पूछे जाने पर कि क्या बांग्लादेश की प्रधानमंत्री पहले नयी दिल्ली जाएंगी, क्योंकि हसीना को चीन भी जाना था, हसन ने कहा कि बीजिंग की तुलना में नयी दिल्ली अधिक निकट है और चीनी राजधानी से पहले उनके भारत जाने की संभावना है।

हसन ने कहा, ‘‘भारत में चुनाव हो रहे हैं। जब नयी सरकार बनेगी, उसके बाद यात्रा की तारीख तय की जाएगी।’’

दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच आखिरी द्विपक्षीय वार्ता सितंबर 2023 में ‘जी20 लीडर्स समिट’ के दौरान हुई थी, जिसमें बांग्लादेश एक अतिथि देश था।

ऐसा बताया जा रहा है कि भारत ने रणनीतिक रूप से अहम अपने सिलीगुड़ी गलियारे के पास प्रमुख परियोजना में चीन की भागीदारी पर बांग्लादेश को अपनी आपत्तियों से अवगत करा दिया है। सिलीगुड़ी गलियारे को ‘चिकन्स नेक’ भी कहा जाता है। यह एक संकीर्ण भूभाग है, जो भारत की मुख्य भूमि को उसके पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ता है।

बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा कि क्वात्रा के साथ उनकी बातचीत के दौरान सीमा पर हत्याओं का मुद्दा भी उठा और उन्होंने कहा कि बांग्लादेशियों की सीमा पर हत्याओं को रोकने के लिए ‘‘सरकारी और राजनीतिक स्तर’’ पर इच्छाशक्ति की कोई कमी नहीं है।

मंत्री ने कहा कि क्वात्रा के साथ वीजा प्रणाली को आसान बनाने पर भी बातचीत की गई, क्योंकि बड़ी संख्या में बांग्लादेशी चिकित्सकीय उपचार के लिए भारत जाते हैं तथा भारतीय विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने उन्हें इस प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए अधिक प्रयास करने का आश्वासन दिया।

हसन ने कहा कि उन्होंने भारत के जरिये नेपाल और भूटान से जलविद्युत आयात करने के लिए नयी दिल्ली के सहयोग पर भी बातचीत की।