हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट पर दो बहुओं और चाचा ससुर के बीच मुकाबला

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हिसार, हरियाणा की हिसार लोकसभा पर दिलचस्प चुनावी लड़ाई देखने को मिल रही है जहां राजनीतिक रूप से कई धड़ों में बंट चुके चौटाला परिवार के तीन सदस्यों के बीच मुकाबला है।

इस सीट पर चौटाला परिवार की दो बहुएं- जननायक जनता पार्टी (जजपा) की विधायक नैना चौटाला तथा इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) प्रत्याशी सुनैना चौटाला के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार रणजीत सिंह चौटाला मैदान में हैं।

रणजीत चौटाला सुनैना और नैना चौटाला के ससुर के भाई हैं यानी वह रिश्ते में उनके ‘चाचा ससुर’ हैं।

कांग्रेस ने इस सीट से तीन बार सांसद रह चुके एवं दिग्गज नेता जय प्रकाश को मैदान में उतारा है।

नैना चौटाला (57) जजपा प्रमुख अजय सिंह चौटाला की पत्नी एवं हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की मां हैं।

इनेलो की महिला इकाई की महासचिव सुनैना चौटाला (47) पार्टी नेता अभय सिंह चौटाला के चचेरे भाई रवि चौटाला की पत्नी हैं। रवि चौटाला इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला के छोटे भाई दिवंगत प्रताप सिंह चौटाला के बेटे हैं।

इनेलो-जजपा दोनों के उम्मीदवारों ने राज्य के किसानों के हित के लिए और अधिक काम करने का दावा किया है, जबकि भाजपा उम्मीदवार ने विश्वास जताया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए विकास कार्य के दम पर राज्य की सभी 10 सीट पर उनकी पार्टी जीत दर्ज करेगी।

सुनैना चौटाला ने कहा कि वह कृषि कानूनों (जो रद्द किए जा चुके हैं ) के खिलाफ 13 महीने तक हुए किसान आंदोलन के मुद्दे पर भाजपा और जजपा उम्मीदवार को घेरेंगी।

सुनैना चौटाला ने कहा, ‘‘भाजपा शासन में किसान, आंगनबाड़ी और आशा कर्मियों, कर्मचारियों और सरपंचों ने अपनी मांगों के लिए आंदोलन किया था।’’

वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद हरियाणा में भाजपा और जजपा ने गठबंधन किया था, लेकिन मार्च 2024 में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में नयी भाजपा सरकार बनाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा इस्तीफा देने के साथ ही यह गठबंधन खत्म हो गया।

सुनैना चौटाला ने कहा कि उनकी पार्टी के एकमात्र विधायक अभय चौटाला ने किसानों के समर्थन में आंदोलन के बीच में ही विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी दिवंगत जाट नेता चौधरी देवीलाल के सिद्धांतों का पालन करती है और उनकी विचारधारा को आगे ले जा रही है।

उधर, नैना चौटाला ने कहा कि हर कोई जानता है कि किसानों का असली शुभचिंतक कौन है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि उप मुख्यमंत्री के रूप में उनके बेटे दुष्यंत चौटाला ने किसानों की फसल की समय पर खरीद के साथ ही समय पर भुगतान सुनिश्चित किया।

इस बीच, रणजीत चौटाला अपने परिवार के सदस्यों के चुनावी मैदान में उतरने से ज्यादा चिंतित नहीं दिखे और उन्होंने कहा कि यह उनका ‘‘लोकतांत्रिक अधिकार’’ है।

रणजीत चौटाला ने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री ने देश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया है और उनके तीसरे कार्यकाल में यह गति और तेज हो जाएगी। हरियाणा में भी पिछले साढ़े नौ वर्षों के दौरान विकास हुआ है।’’

मार्च में सिरसा जिले की रानियां विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक के रूप में इस्तीफा देने के बाद रणजीत चौटाला (78) भाजपा में शामिल हो गए थे।

वह पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के बेटे एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के भाई हैं।

हरियाणा की सभी 10 संसदीय सीटों पर लोकसभा चुनाव के छठे चरण के तहत 25 मई को मतदान होना है।

कांग्रेस राज्य की 10 सीट में से नौ पर चुनाव लड़ रही है और उसने हिसार से जय प्रकाश को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। कुरूक्षेत्र सीट पर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ रही है, जो विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) की एक घटक है।

‘जेपी’ के नाम से लोकप्रिय जय प्रकाश हिसार से तीन बार सांसद रह चुके हैं। वह 2000 में हिसार जिले की बरवाला विधानसभा सीट और 2014 में कैथल की कलायत विधानसभा सीट से विधायक भी रहे हैं।

जय प्रकाश ने दावा किया, ‘‘लोग भाजपा शासन से तंग आ चुके हैं और राज्य में कांग्रेस की लहर चल रही है।’’

पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत भजन लाल ने 2009 में हरियाणा जनहित कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में हिसार सीट जीती थी। उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई ने 2011 में पिता के निधन के बाद उपचुनाव जीता और 2014 में दुष्यंत ने इनेलो सदस्य के रूप में यह सीट छीन ली थी। बिश्नोई अब भाजपा में हैं।

हिसार लोकसभा क्षेत्र में 9,52,598 पुरुष मतदाता, 8,32,569 महिला मतदाता और 11 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं। हिसार में कुल मतदाताओं में से एक तिहाई मतदाता जाट समुदाय से हैं।

 

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