एशियाई खेलों से बाहर होने से राष्ट्रीय टीम में वापसी की प्रेरणा मिली: तरुणदीप राय

कोलकाता,  तीरंदाजी विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाले तरुणदीप राय ने रविवार को कहा कि पिछले एशियाई खेलों की टीम से बाहर होने के बाद वह गुस्से में थे लेकिन उन्होंने इसे दमदार वापसी करने के लिए प्रेरणा की तरह लिया।

तीन बार के ओलंपियन राय ने विश्व कप में ऐतिहासिक स्वर्ण जीतने के बाद ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ मैं गुस्से से भरा था लेकिन मैंने खुद को एक और मौका देने का फैसला किया।’’

एशियाई खेलों (ग्वांगझू 2010) में देश के लिए पदक जीतने वाले इकलौते रिकर्व तीरंदाज राय ने कहा, ‘‘ मैं क्वालीफिकेशन में कुछ नियमों के कारण अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद हांगझोउ एशियाई खेलों के लिए भारतीय टीम से बाहर हो गया था।’’

राय, धीरज बोम्मदेवरा और प्रवीण जाधव की भारतीय तिकड़ी ने मौजूदा ओलंपिक चैम्पियन दक्षिण कोरिया को पछाड़ते हुए रविवार को यहां 14 साल बाद तीरंदाजी विश्व कप में ऐतिहासिक जीत हासिल की। यह पहली बार है जब तीरंदाजी विश्व कप फाइनल में भारतीय पुरुष टीम ने कोरिया को शिकस्त दी है। इस जीत से टीम पेरिस ओलंपिक का टिकट हासिल करने के मामले में अच्छी स्थिति में है।

चालीस साल के राय 2010 विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम के भी सदस्य थे। उस विश्व कप का आयोजन भी शंघाई में हुआ था।

तीरंदाजी जैसे सटीक निशाने से जुड़े खेल में शीर्ष स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए खिलाड़ी को अपनी पूर्ण फिटनेस बरकरार रखनी होती है। पुणे स्थित सेना के जवान को पता था कि यह उनके लिए यह मौका ‘अभी या कभी नहीं’ जैसे है।

राय ने फिटनेस हासिल करने के लिए अपनी जीवनशैली में कुछ कठोर बदलाव किया। उन्होंने तीरंदाजी की नियमित अभ्यास के साथ अपने आहार और शारीरिक कसरत पर ध्यान देना शुरू किया। उन्होंने अपने आहार में 60 प्रतिशत फलों को शामिल किया और जिम में अधिक समय देने लगे।

राय ने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं जब आपकी उम्र बढ़ने लगती है तो मुख्य मांसपेशियां का लचीलापन और ताकत कम हो जाता है। अगर मैं शीर्ष स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में विफल रहा तो यह खिलाड़ी के तौर पर मेरे लिए शर्मनाक बात होगी। ऐसे मुझे किसी युवा खिलाड़ी के मुकाबले दोगुना प्रयास करना पड़ता है।’’

राय ने पिछले साल एशियाई खेलों से चुकने के बाद दो महीने में 12 किलो वजन कम किया है। उन्होंने दो महीने के लंबे  ट्रायल में अच्छे प्रदर्शन के साथ विश्व कप टीम में जगह बनायी।

साल 2003 में विश्व चैम्पियनशिप से अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज करने वाले राय ने कहा,‘‘मैं इस समय बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं, जैसे कि मैं अब तक की सबसे अच्छी स्थिति में हूं। मुझमें बच्चों जैसी ऊर्जा है जो मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।’’