कोलंबो, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा है कि श्रीलंका के साथ बेहतर संबंधों से दोनों देशों और हिंद महासागर क्षेत्र को फायदा होगा।
ईरान फ्रंट पेज (आईएफपी) वेबसाइट की एक खबर के अनुसार रईसी ने बुधवार को यहां श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
रईसी ने कहा कि ईरान श्रीलंका को अपने आर्थिक और औद्योगिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने में मदद करने के वास्ते प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग सेवाओं की आपूर्ति करने के लिए तैयार है।
रईसी कोलंबो से लगभग 200 किलोमीटर दूर ईरान की तकनीकी सहायता से निर्मित उमा ओया बहुउद्देशीय विकास परियोजना का उद्घाटन करने के लिए एक दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर यहां आये थे।
आईएफपी की खबर के अनुसार, ‘‘ईरान और श्रीलंका के बीच विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर संबंधों से दोनों देशों और हिंद महासागर क्षेत्र को लाभ होगा। ईरान श्रीलंका को अपने आर्थिक और औद्योगिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने में मदद करने के वास्ते प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग सेवाओं की आपूर्ति करने के लिए तैयार है।’’
खबर के अनुसार विक्रमसिंघे ने कहा कि श्रीलंका और ईरान हिंद महासागर से संबंधित मुद्दों और संयुक्त राष्ट्र में संयुक्त योजनाओं पर अधिक सहयोग करने पर सहमत हुए हैं।
इस बीच, श्रीलंकाई राष्ट्रपति के मीडिया प्रभाग के एक बयान में कहा गया है कि द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर विचार-विमर्श करते हुए, श्रीलंका ने अपनी विशिष्ट पहचान के लिए ‘ग्लोबल साउथ’ की आकांक्षाओं पर जोर दिया।
‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।
बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने अपनी विशिष्ट पहचान और स्वतंत्रता के लिए ‘ग्लोबल साउथ’ की साझा आकांक्षाओं को दर्शाते हुए इन देशों के बीच एकजुटता के महत्व पर जोर दिया।
विक्रमसिंघे ने कहा, ‘‘ईरान एक ऐसा देश है जहां तकनीकी विकास बहुत अधिक है। इसलिए हमें दोनों देशों के साझा उद्देश्यों पर काम करना चाहिए। हम सभी ‘ग्लोबल साउथ’ के देश हैं। ऐसे समय में जब ‘ग्लोबल साउथ’ के देश अपनी पहचान और स्वतंत्रता स्थापित कर रहे हैं तो ऐसी परियोजनाएं बहुत महत्वपूर्ण हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ग्लोबल साउथ में विकासशील देशों के रूप में, ईरान और श्रीलंका ने संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम को लागू किया है। मैं ईरान और श्रीलंका के बीच मजबूत संबंधों को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता हूं।’’
राष्ट्रपति रईसी ने इस बात पर जोर दिया कि यह परियोजना न केवल ईरान और श्रीलंका के बीच मित्रता का प्रतीक है, बल्कि एशियाई देशों के बीच सहयोग, सद्भाव और एकता को भी बढ़ाती है।