जोहानिसबर्ग, स्वतंत्र निर्वाचन आयोग ने फैसला सुनाया है कि दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा आगामी चुनावों में भाग लेने के पात्र नहीं हैं।
आयोग ने बृहस्पतिवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि उसने 29 मई के चुनावों में जुमा की उम्मीदवारी के खिलाफ दर्ज आपत्ति को कायम रखा है।
जुमा को एक न्यायिक आयोग के सामने पेश होने के अदालती आदेश की अवहेलना करने के लिए जुलाई 2021 में 15 महीने जेल की सजा सुनाई गई थी। न्यायिक आयोग 2009 और 2018 के बीच उनके राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच कर रहा था।
उन्हें दो महीने के बाद मेडिकल पैरोल दी गई और शेष सजा घर में नजरबंद रहकर काटने की अनुमति दी गई।
दक्षिण अफ्रीका का संविधान दोषी ठहराए गए और 12 महीने से अधिक कारावास की सजा पाए लोगों को, बिना किसी जुर्माने के विकल्प के, सार्वजनिक पद धारण करने से रोकता है।
जुमा और उनकी कानूनी टीम न्यायिक कार्यवाही से हट गई जब उनसे उनके शासनकाल के दौरान भ्रष्टाचार के व्यापक आरोपों के बारे में पूछा गया। इस मामले में एक भारतीय परिवार (गुप्ता) की भूमिका भी बतायी जा रही थी। ऐसा आरोप है कि गुप्ता का कथित तौर पर जुमा की कैबिनेट नियुक्तियों पर प्रभाव था।
इक्कासी-वर्षीय जुमा के पास आयोग के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए दो अप्रैल तक का समय है।
वह अब एक नई राजनीतिक पार्टी ‘एमके’ का चेहरा हैं। यह पार्टी दक्षिण अफ्रीका के आगामी चुनावों में एक संभावित महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में उभरी है। उन्होंने सत्ताधारी अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस (एएनसी) की निंदा की थी। इस दल का जुमा ने पहले नेतृत्व किया था।
एएनसी छोड़ने की उनकी घोषणा आगामी चुनावों से पहले बहुत ही महत्वपूर्ण घटनाक्रम है।
स्थानीय समाचार संस्थान न्यूज24 ने बताया कि जुमा की कार बृहस्पतिवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी, लेकिन उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ।