डिजिटलीकरण के दौर में प्रासंगिक बने रहने को आत्मनिरीक्षण करे एसपीएमसीआईएल: सीतारमण

नयी दिल्ली,  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लि. (एसपीएमसीआईएल) से डिजिटलीकरण के दौर में स्वयं को बदलने का रास्ता तलाशने को कहा। उन्होंने कहा कि ऐसे समय जब देश में डिजिटलीकरण बढ़ने से नोट की छपाई का कंपनी का मुख्य कार्य कम हो रहा है, उसे प्रासंगिक बने रहने के लिए आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है।

सीतारमण ने एसपीएमसीआईएल के 19वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को ‘ऑनलाइन’ संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब डिजिटल युग में सिक्के ढालना थोड़ा धीमा हो गया है, निगम ने स्मारक सिक्के लाकर खुद को प्रासंगिक बनाए रखा है। इन सिक्कों को स्मृति चिन्ह के रूप में उपहार में दिया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि निगम के बनाये स्मारक टिकट और सिक्के भारत की ब्रांडिंग, सांस्कृतिक और पर्यावरण संबंधी मुद्दों को उकेरते हैं।

एसपीएमसीआईएल ने सोने और चांदी के रिफाइनिंग में मानक स्थापित किए हैं। संगठन ने 2022-23 से 5,300 किलोग्राम जब्त सोने को परिष्कृत किया है। इसने 2022-23 के लिए 533.77 करोड़ रुपये का लाभांश दिया है।

एसपीएमसीआईएल के मुख्य कार्यों में बैंक नोट और सिक्के, स्मारक सिक्के और पासपोर्ट तथा गैर-न्यायिक डाक टिकट जैसे सुरक्षा उत्पाद का निर्माण शामिल है।

सीतारमण ने कहा कि एसपीएमसीआईएल ऐसे युग में काम कर रही है, जहां डिजिटल मुद्रा बढ़ेगी और मुद्रा ढालने का इसका मुख्य काम संभवत: भविष्य में नाममात्र का रह जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में जब मुख्य कार्य खत्म हो रहा है और यह आपके प्रदर्शन के कारण नहीं बल्कि डिजिटलीकरण के कारण है, तो आपको यह देखना होगा और आत्मनिरीक्षण करना होगा कि आपके पास भविष्य के लिए क्या है?’’

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘यह आपको देखना है कि आप अपने आप को कैसे बदलते हैं। मैं इस विचार को प्रबंधकों और उन सभी लोगों के लिए छोड़ रही हूं जो इस संस्थान को चलाने से जुड़े हैं…।’’

सीतारमण ने इस मौके पर एसपीएमसीआईएल के तीन स्मारिका सिक्के भी जारी किये। इसमें एक सींग वाले गैंडे पर रंगीन सिक्का, बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति पर दो धातुओं से बना सिक्का और अयोध्या में बने राम मंदिर पर एक रंगीन सिक्का शामिल है।

मंत्री ने कहा कि एसपीएमसीआईएल का ई-पासपोर्ट जारी करने की प्रगति पर नजर रखने वाली प्रणाली जीवन को आसान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान है।

नयी दिल्ली,  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लि. (एसपीएमसीआईएल) से डिजिटलीकरण के दौर में स्वयं को बदलने का रास्ता तलाशने को कहा। उन्होंने कहा कि ऐसे समय जब देश में डिजिटलीकरण बढ़ने से नोट की छपाई का कंपनी का मुख्य कार्य कम हो रहा है, उसे प्रासंगिक बने रहने के लिए आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है।

सीतारमण ने एसपीएमसीआईएल के 19वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को ‘ऑनलाइन’ संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब डिजिटल युग में सिक्के ढालना थोड़ा धीमा हो गया है, निगम ने स्मारक सिक्के लाकर खुद को प्रासंगिक बनाए रखा है। इन सिक्कों को स्मृति चिन्ह के रूप में उपहार में दिया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि निगम के बनाये स्मारक टिकट और सिक्के भारत की ब्रांडिंग, सांस्कृतिक और पर्यावरण संबंधी मुद्दों को उकेरते हैं।

एसपीएमसीआईएल ने सोने और चांदी के रिफाइनिंग में मानक स्थापित किए हैं। संगठन ने 2022-23 से 5,300 किलोग्राम जब्त सोने को परिष्कृत किया है। इसने 2022-23 के लिए 533.77 करोड़ रुपये का लाभांश दिया है।

एसपीएमसीआईएल के मुख्य कार्यों में बैंक नोट और सिक्के, स्मारक सिक्के और पासपोर्ट तथा गैर-न्यायिक डाक टिकट जैसे सुरक्षा उत्पाद का निर्माण शामिल है।

सीतारमण ने कहा कि एसपीएमसीआईएल ऐसे युग में काम कर रही है, जहां डिजिटल मुद्रा बढ़ेगी और मुद्रा ढालने का इसका मुख्य काम संभवत: भविष्य में नाममात्र का रह जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में जब मुख्य कार्य खत्म हो रहा है और यह आपके प्रदर्शन के कारण नहीं बल्कि डिजिटलीकरण के कारण है, तो आपको यह देखना होगा और आत्मनिरीक्षण करना होगा कि आपके पास भविष्य के लिए क्या है?’’

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘यह आपको देखना है कि आप अपने आप को कैसे बदलते हैं। मैं इस विचार को प्रबंधकों और उन सभी लोगों के लिए छोड़ रही हूं जो इस संस्थान को चलाने से जुड़े हैं…।’’

सीतारमण ने इस मौके पर एसपीएमसीआईएल के तीन स्मारिका सिक्के भी जारी किये। इसमें एक सींग वाले गैंडे पर रंगीन सिक्का, बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति पर दो धातुओं से बना सिक्का और अयोध्या में बने राम मंदिर पर एक रंगीन सिक्का शामिल है।

मंत्री ने कहा कि एसपीएमसीआईएल का ई-पासपोर्ट जारी करने की प्रगति पर नजर रखने वाली प्रणाली जीवन को आसान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान है।