नयी दिल्ली, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस की प्रदेश इकाई के कई नेताओं ने कर राजस्व के वितरण में राज्य के साथ हुए ‘‘अन्याय’’ को लेकर बुधवार को केंद्र के खिलाफ यहां जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया।
इस विरोध प्रदर्शन में उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार, राज्य के कई सांसद, मंत्री और विधायक शामिल हुए।
कांग्रेस का आरोप है कि पिछले कुछ वर्षों में कर राजस्व में उसके प्रदेश के हिस्से की राशि के हस्तांतरण और सहायता अनुदान में कर्नाटक के साथ ‘‘अन्याय’’ किया गया है।
विरोध प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार 15वें वित्त आयोग के तहत कर्नाटक को कथित तौर पर हुए 1.87 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई करे।
सिद्धरमैया ने कहा कि यह विरोध भाजपा के खिलाफ नहीं बल्कि कर्नाटक के साथ भेदभाव के खिलाफ है।
उन्होंने भाजपा के इस आरोप को खारिज किया कि इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य उत्तर-दक्षिण विभाजन को बढ़ावा देना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि देश एकजुट रहे, लेकिन दक्षिणी राज्यों के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।
सिद्धरमैया ने कहा कि 14वें वित्त आयोग के तहत राज्यों, खासकर कर्नाटक को कर राजस्व बांटने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फॉर्मूले को 15वें वित्त आयोग ने बदल दिया था।
उन्होंने कहा कि राज्य के राजस्व के नुकसान को रोकने के लिए पुराने फॉर्मूले पर लौटने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे 14वें वित्त आयोग द्वारा इस्तेमाल किए गए फॉर्मूले को अपनाने के लिए वह नए वित्त आयोग को भी एक प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे।
माकपा के दिग्गज नेता और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ 8 फरवरी को दक्षिणी राज्य के प्रति केंद्र की कथित उदासीनता के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करेंगे।