जरांगे को चुप बैठना चाहिए, मराठा आरक्षण पर सरकार ठोस निर्णय लेगी: भुजबल

मुंबई, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा में मराठों के ‘‘पीछे के दरवाजे से प्रवेश’’ का विरोध कर रहे महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने बृहस्पतिवार को कहा कि कार्यकर्ता मनोज जरांगे को चुप बैठना चाहिए क्योंकि राज्य सरकार मराठा आरक्षण मुद्दे पर ‘‘ठोस निर्णय’’ लेगी।

भुजबल ने यहां पत्रकारों से कहा कि वह मराठों को एक अलग कोटा देने के पक्ष में हैं, लेकिन इसकी पड़ताल और सत्यापन किये बिना उन्हें कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के खिलाफ हैं।

महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को कहा था कि आरक्षण और मराठा समुदाय की अन्य मांगों पर चर्चा के लिए 20 फरवरी को राज्य विधानमंडल का एक विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा।

जरांगे ने बृहस्पतिवार को जालना जिले के अपने पैतृक गांव अंतरवाली सरती में छठे दिन अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रखी और कहा कि वह कुनबी मराठों के ‘रक्त संबंधियों’ पर सरकार की मसौदा अधिसूचना को कानून में बदलने की मांग को लेकर दबाव डालने के लिए 18 या 19 फरवरी को मुंबई जाएंगे।

प्रमुख ओबीसी नेता भुजबल ने कहा, ‘‘जरांगे को चुपचाप बैठना चाहिए क्योंकि राज्य सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण का लाभ देने पर ठोस निर्णय लेने जा रही है। वह अनावश्यक रूप से वरिष्ठ मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं।’’

मंत्री ने कहा कि जरांगे ने सोचा कि मराठा समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ेपन का आकलन करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट बृहस्पतिवार को आएगी। उन्होंने कहा कि इसलिए श्रेय लेने के लिए वह 10 फरवरी से अनशन पर बैठ गए, लेकिन सर्वेक्षण रिपोर्ट को अभी रूप नहीं दिया गया है तथा इसमें अभी और समय लगेगा।

भुजबल ने कहा, ‘‘अब जरांगे फंस गए हैं और अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि वह मराठा समुदाय को अलग कोटा देने के पक्ष में हैं।

उन्होंने पूछा, ‘‘महाराष्ट्र में लगभग 374 विभिन्न प्रकार की जातियों को ओबीसी के रूप में वर्गीकृत किया गया है। मराठा इसका हिस्सा क्यों बनना चाहते हैं?’’

जरांगे ने पहले चेतावनी दी थी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जन सभाओं को बाधित किया जायेगा।

उनकी इस चेतावनी के जवाब में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने बुधवार को कहा था, ‘‘जरांगे ने एक बेतुकी और संवेदनहीन टिप्पणी की है कि वह प्रधानमंत्री मोदी के लिए महाराष्ट्र में किसी भी जगह का दौरा करना मुश्किल कर देंगे। उन्होंने सारी हदें पार कर दी हैं।’’