सस्ते रासायनिक पदार्थ महिलाओं के चेहरे की सुंदरता पर विपरीत असर डालते हैं जबकि प्राकृतिक सौंदर्य प्रसाधन चेहरे पर प्राकृतिक तेज के साथ-साथ त्वचा व हमारी नैसर्गिक सुंदरता को बनाये रखने में भी सहायक होते हैं।
फिर भी महिलाओं का ब्यूटी पार्लर की ओर झुकाव होना इस बात का संकेत है कि विदेशी प्रसाधनों व सुंदरता की काल्पनिक नयी-नयी तकनीकें उन्हें अपनी चकाचौंध से किस हद तक प्रभावित किये हुए हैं। अगर महिलायें कुछ आवश्यक बिन्दुओं पर ध्यान दें तो घर बैठे ही वे प्राकृतिक सौंदर्य व निखार पा सकती हैं।
चेहरे व शरीर की सुंदरता के लिये जायफल दूध में घिसकर लगाने से चेहरे की झाइयां दूर होती हैं।
सरसों के दानों को भूनकर और पीसकर उसमें थोड़ा सा दूध व चुटकी भर हल्दी मिलाकर तैयार उबटन को लगाने से चेहरे का रूखापन दूर होता है।
चेहरे पर निकले दानों से छुटकारा पाने के लिये अधिक से अधिक पानी पियें तथा तले-भुने मिर्च-मसालेदार भोजन से परहेज करें।
चेहरे के साथ-साथ गर्दन व हाथों पर बेसन, शहद, हल्दी व दूध मिलाकर लगायें।
पैरों की एड़ियों पर नींबू का छिलका रगडें़ या एक बर्तन में गुनगुना पानी व नमक डालकर पैरों को डुबोयें। इससे पैरों की सुंदरता बरकरार रहती है।
केश निखार
रोजाना एक चम्मच त्रिफला चूर्ण या आंवला खाना बालों को सुंदरता व मजबूती प्रदान करता है।
सिर धोने से पहले गुनगुने तेल से सिर में मालिश करें। सिर धोने के लिए रीठा व आंवला प्रयोग करें।
तिल के पत्तों को पीसकर केश धोने से बालों को चमकीला, घना व स्वस्थ बनाया जा सकता है।
बाल झड़ते हों तो राई का तेल लगायें।
सप्ताह में एक बार मेंहदी में अण्डा व नींबू फेंट कर सिर पर लगायें।
बालों को तेज धूप से तेज ठण्ड से बचायें। बालों पर नमक का हाथ न लगायें।