सिय राम मय सब जग जानी

भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र पर जब भी विचार करता हूं, मन-शरीर-आत्मा सभी पुलकित हो उठते हैं। कितने ही रोचक तथ्य और बातें कहने-सुनने-लिखने को मन अपने आप ही आगे की ओर दौड़ने लग जाता है। कलम अपने आप ही शब्दों की श्रृंखला में एक के आगे एक, हाथ जोड़कर जुड़ते चले जाते हैं। शब्द माला बनते देर नहीं लगती है। शब्द रूपी मोतियों का जाप हम सभी लिख-पढ़कर ही कर लेते हैं। राम नाम के मोती, शब्दों की माला और उसका जाप भाग्यशाली ही कर पता है।

सिय राम मय सब जग जानी। करहु प्रणाम जोरी जुग पानी।। गोस्वामी जी के रामचरित्रमानस की इस चौपाई के पीछे एक लघु कथा भी है। गोस्वामी जी जब मानस में इस चौपाई को लिखने के बाद विश्राम करने के लिए चले जा रहे थे, रास्ते में एक बालक ने गोस्वामी जी से कहा कि इस ओर से नहीं जाएं। क्योंकि एक सांड सभी को मार रहा है। गोस्वामी जी ने बालक की बात पर ध्यान नहीं दिया और आगे चल दिए। मन ही मन कहा कि सभी में भगवान का वास है। मैं उस सांड को प्रणाम कर लूंगा, वह कुछ नहीं करेगा। सभी कुछ तो भगवान ने बनाया है, सभी में भगवान है। थोड़ी दूरी पर ही सांड ने गोस्वामी जी को टक्कर मार दी और गोस्वामी जी घायल हो गए। इस घटना से आहत होकर गोस्वामी जी ने सिया राम मय सब जग जानी चौपाई को काटना चाहा। उसी समय भगवान हनुमान जी प्रकट हुए और कहा कि आपने सांड की टक्कर तो याद है, लेकिन बालक के रूप में प्रभु श्रीराम आकर आपको सूचना देकर गए वह याद नहीं है। गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपनी भूल को स्वीकार किया और फिर भगवान की भक्ति तथा लेखन में लग गए।

भगवान सभी के हृदय में वास करते हैं, वह सभी जगह हैं। उन्हें देखने-सुनने-समझने वाली ज्ञानेंद्रिय की जरूरत है। अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है। मंदिर को लेकर गूगल, सोशल मीडिया आदि कितने ही सोशल नेटवर्किंग प्लेटफार्म पर धूम मची हुई है। मंदिर को लेकर यूट्यूब पर कितने ही नए-नए गीत-भजन रोजाना सुनने को मिल रहे हैं। भारतीय मीडिया हो या विदेशी मीडिया सारा का सारा राम मय दिखाई दे रहा है। समाचार चैनलों पर राम भक्ति, राम चरित चर्चा, राम मंदिर आदि बातें विस्तार के साथ बताई जा रही हैं। घर-घर राम मंदिर के अक्षत पहुंचाएं जा रहे हैं। मंदिरों में भजन कीर्तन हो रहे हैं। साधु-संत-महात्मा जप-तप-व्रत कर रहे हैं। जगह-जगह रामलाल की झांकियां निकाली जा रही हैं। जगह-जगह भंडारों का आयोजन हो रहा है। कहीं हलवा बट रहा है, तो कहीं लड्डू बांटे जा रहे हैं।

पूरा देश एक साथ मिलकर रामलला का उत्सव मना रहा है। कोई पैदल चलकर अयोध्या जी पहुंच रहे हैं। कोई चांदी की ईंट को लेकर अयोध्या जी पहुंच रहे हैं। कोई सोने-चांदी के आभूषण लेकर मंदिर पहुंच रहे हैं। देश-विदेश से राम भक्तों का आना लगा हुआ है। चारों ओर जहां भी देखो हर जगह भगवान श्रीराम की और मंदिर की बात हो रही हैं। लोगों के बीच भक्ति, उत्सव, उत्साह, प्रेम, सेवा आदि देखकर गोस्वामी जी की चौपाई सिय राम मय सब जग जानी उस समय, आज के समय और आने वाले समय में सार्थक रही तथा रहेगी, ऐसा दिखाई दे रहा है। राम नाम की भक्ति हर एक लोक में, हर एक दिशा में, हर एक जीव करना चाहता है। राम नाम का जाप हर क्षण करते रहो। इस जग में कब भगवान राम किस रूप में मिल जाए कुछ पता नहीं है। सभी में राम का वास है। अच्छा करते रहो, आगे बढ़ते रहो। जय श्री राम।