तिरूवनंतपुरम, कर्नाटक संगीत के महान गायक, मशहूर पार्श्वगायक और केरल की सांस्कृतिक हस्ती के जे येसुदाय बुधवार को 84 साल के हो गये।
अपने लाखों प्रशंसकों के बीच ‘गणगंधर्वण’ के नाम से चर्चित येसुदास को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, अभिनेताओं, गायकों, संगीतकारों और आम लोगों ने जन्मदिन की बधाई दी।
इस खास दिन पर सोशल मीडिया पर भी ‘दासेटन’ को बहुत सारे लोगों ने शुभकामनाएं दी। उनके प्रशंसक प्यार से उन्हें ‘दासेटन’ भी कहते हैं।
अखबारों ने येसुदास के प्रति सम्मान के तौर पर उनपर ‘फीचर स्टोरी’ एवं ‘पिक्चर्स एलबम’ के साथ विशेष पन्ने प्रकाशित किए । टेलीविजन चैनलों ने इस मौके पर विशेष कार्यक्रम एवं साक्षात्कार प्रसारित किये। इन कार्यक्रमों और साक्षात्कारों में उनके साथी गायकों एवं संगीत निर्देशकों ने उनके साथ काम करने का अपना अनुभव साझा किया।
एक फेसबुक पोस्ट में विजयन ने येसुदास के संगीत और गीतों को विशुद्ध जादू करार दिया। इसमें उन्होंने कहा कि महान गायक ने कभी ‘अग्रहारों’ (बाह्मणों की बस्तियों) और विद्वानों की मंडलियों तक सीमित रहने वाले शास्त्रीय संगीत को आम लोगों तक पहुंचाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने धर्मनिरपेक्ष समाज की रचना का हमेशा प्रयास किया।
सुपरस्टार मोहनलाल और सुविख्यात पार्श्वगायिका के एस चित्रा ने महान गायक को जन्मदिन की बधाई देने के लिए वीडियो संदेश जारी किये। एक मलयालम चैनल पर मशहूर गायिका श्रेया घोषाल ने येसुदास के साथ मंच साझा करने की अपनी यादों को साझा किया। घोषाल ने कहा कि वह येसुदास की बहुत बड़ी प्रशंसक हैं।
येसुदास के करीबी सूत्रों ने बताया कि वह कर्नाटक में कोल्लूर मोकाम्बिका मंदिर में पूजा -अर्चना नहीं कर पाये क्योंकि वह फिलहाल अपने परिवार के साथ अमेरिका में हैं। सालों से वह वह अपने जन्मदिन पर इस मंदिर में जाते रहे हैं और वहां संगीत के जरिये श्रद्धासुमन अर्पित करते रहे हैं।
इस बीच येसुदास डिजिटल माध्यम से कोच्चि में एक विशेष कार्यक्रम में शामिल हुए जहां अभिनेताओं, निर्देशकों और संगीतकारों समेत कई बड़ी हस्तियां पहुंची थीं।
सफेद कुर्ता में कार्यक्रम में नजर आए येसुदास ने जन्मदिन की बधाई के लिए सभी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि जाति और पंथ से ऊपर उठकर लोग एकजुट रहे– यह उनके लिए जन्मदिन के केक से अधिक मधुर है।
येसुदास 25000 से अधिक फिल्मी गाने, कर्नाटक संगीत भजन एवं अन्य भक्ति संगीत रिकार्ड कर चुके हैं। मलयालम, तमिल, तेलुगू, हिंदी, कन्नड़, बंगाली और ओडिया जैसी भारतीय भाषाओं के अलावा वह अपने छह दशक से अधिक के करियर में अरबी, अंग्रेजी, लातिन और रूसी भाषाओं में भी गाने गा चुके हैं।
उन्हें 2017 में पद्म विभूषण, आठ राष्ट्रीय पुरस्कार, 25 केरल राज्य पुरस्कार, तमिलनाडु के पांच राज्य पुरस्कार और आंध्रप्रदेश के चार राज्य पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।
उनके कुछ लोकप्रिय हिदी गानों में ‘ जब दीप जले आना’ और ‘गोरी तेरा’ जैसे गीत शामिल हैं।